सरकार समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के ऐसे बेशर्म उदाहरण पहले नहीं मिलते थे

अन्तर्द्वन्द

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले ने एक अखबार की खबर (जो कथित रूप से फर्जी या गलत थी, जिसे संबंधित अखबार ने कहा कि उसकी नहीं है) को शेयर करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था। दूसरी ओर, राहुल गांधी की तस्वीर को इस तरह संपादित कर शेयर किया जा रहा है। प्रचार ऐसे किया जा रहा है जैसे मुर्गा खाना या शराब पीना अपराध हो। पर अपराध है फर्जी फोटो तैयार करना। लेकिन कुछ लोगों को उसकी छूट है। छूट तो जेएनयू वाली शर्मा जी की बिटिया को भी है लेकिन वह अलग मुद्दा है।

इस फर्जी फोटो पर किसी कार्रवाई की खबर सुनी आपने? क्या सिर्फ प्रधानमंत्री से संबंधित (गलत) खबर शेयर करना अपराध है या नियम सबके लिए एक है? सिस्टम क्या करता है? वैसे भी, शेयर करने से बड़ा अपराध है अखबार की फर्जी खबर का कतरन बन जाना। चूंकि वह प्रधानमंत्री के खिलाफ थी इसलिए कार्रवाई हुई सरकार के समर्थन में गलत प्रचार होता तो क्या कार्रवाई नहीं होती? कायदे से दोनों मामलों में होनी चाहिए पर क्या हो रहा है, कब हो रहा है और कैसे नियम बनाए जा रहे हैं, कैसी जरूरतें बताई जा रही हैं सब को समझने की जरूरत है।

साकेत गोखले की गिरफ्तारी के बाद यह बताया जाना चाहिए था कि अखबार की खबर का फर्जी कतरन कैसे बना। पर त्रिपुरा में चुनावी भाषण में बताया जा रहा है कि राहुल बाबा राम मंदिर एक जनवरी से …. और इंडियन एक्सप्रेस लीड बना रहा है। क्या किसी ने पूछा वह फर्जी कतरन बनाने के लिए कौन जिम्मेदार था? उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। या वह साकेत गोखले से शेयर करवाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ही बनाया गया था? इस मामले में एक और बात है, अब खबरें शेयर नहीं की जा सकती हैं और लोगों को डरा दिया गया है।

इसी को डर का माहौल कहते है। आप असली अपराधी को नहीं पकड़ेंगे जेब कतरों के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान चलाएंगे। वेश्यावृत्ति रोकने के नाम पर यही किया गया है। होटल में ठहरने के नियमों में बदलाव, आधार कार्ड जरूरी किया साथ ठहरने वाले पुरुष या महिला पर नजर रखना, उसका भी विवरण मांगना सब निजता पर हमला है। कानूनन मैं होटल में किसी के भी साथ रह सकता हूं, शारीरिक संपर्क भी बना सकता हूं लेकिन अब होटल वाला कमरा नहीं देगा। देगा तो फंसेगा। वेश्यावृत्ति तो नहीं रुकेगी, पुलिस वाले कमाएंगे और आम आदमी का जीना दूभर होगा।

पहले होटल में यह सब मुद्दा नहीं होता था अब होता है। अब सिपाहियों को अधिकार मिल गया है होटल वालों को परेशान करने का। रात में कमरे में घुस जाने की वारदात हो चुकी है। वैसे तो यह होटल व्यवसाय पर भी हमला है और चूंकि बहुत लोग गलत करते थे इसलिए इनका संगठन नहीं बोल रहा है लेकिन उद्योग और ग्राहक दोनों परेशान हैं। कमाई भ्रष्ट पुलिस वालों की जो पहले ही सतर्क होते या कमाई नहीं करते अपराध होते ही नहीं। भ्रष्टाचार रोकने की बजाय भ्रष्टाचार करने वालों की मौज के नियम बना दिए गए हैं। वेश्यावृत्ति तो नोटबंदी से भी रुकनी थी, नहीं रुकी पर कोई शर्म है किसी को?

फोटो Peri Maheshwer की पोस्ट से। उन्होंने लिखा है, भक्तों की राहुल गांधी से फटी हुई है और वे उन्हें बदनाम करने के लिए कुछ भी करेंगे। पेश है एक और नाकाम कोशिश।

साभार सहित संजय कुमार सिंह जी की फेसबुक वॉल से


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