आगरा: भूमिगत मेट्रो ट्रेन के ट्रैक के दायरे में आने वाले करीब सौ सबमर्सिबल पंप और हैंडपंप बंद होने जा रहे हैं। टीम ने इसकी जानकारी नगर निगम और जलकल विभाग के अधिकारियों को भेज दी है। उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) की टीम पाइप को उखाड़कर संबंधित भवन स्वामी या फिर विभाग को सौंप देगी।
शहर में मेट्रो ट्रैक तीस किमी लंबा होगा। सिकंदरा तिराहे से टीडीआई माल तक पहला कारिडोर 14 किमी लंबा होगा। इसमें साढ़े सात किमी भूमिगत ट्रैक होगा। आरबीएस कालेज, राजा की मंडी, एसएन मेडिकल कालेज, जामा मस्जिद तक भूमिगत ट्रैक बनेगा। यह साढ़े चार किमी लंबा होगा। इसके दायरे में 100 सबसर्मिबल पंप और हैंडपंप आ रहे हैं।
भूमिगत ट्रैक की खुदाई 60 से 62 फीट गहरी होगी। टनल का व्यास 6.6 मीटर होगा। 20 दिसंबर से चौथी टनल बोरिंग मशीन से इसकी खुदाई चालू होगी। जनवरी में दो और फरवरी में एक टनल बोरिंग मशीन का प्रयोग शुरू होगा। अप और डाउन ट्रैक बनेंगे।
ट्रैक के ऊपरी हिस्से में किसी भी तरीके का कोई गहरा कार्य नहीं हो सकेगा। ट्रैक के दोनों ओर 50-50 मीटर तक निषिद्ध क्षेत्र घोषित होगा। इस क्षेत्र में बिना यूपीएमआरसी की अनुमति के खुदाई का कार्य नहीं हो सकेगा। इसकी जानकारी नगर निगम और जलकल विभाग के अधिकारियों को भेज दी गई है। संबंधित भवन स्वामियों को पानी के कनेक्शन देने के लिए कहा गया है।
आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट के उप महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्र ने बताया कि जिन घरों में पानी के कनेक्शन नहीं हैं। कनेक्शन करवाने में टीम मदद करेगी या फिर जरूरत के हिसाब से ट्रैक से सौ मीटर से अधिक दूरी पर सबमर्सिंबल या फिर हैंडपंप लगाकर दिया जाएगा।
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