नकली कफ सिरप रैकेट पर लोकसभा में हड़कंप, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के आरोपों से सरकार पर बढ़ा दबाव

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नई दिल्ली। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के आजमगढ़ से सांसद धर्मेंद्र यादव ने नकली कफ सिरप के बड़े रैकेट का मुद्दा सदन में उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए। उनके बयान ने सदन में हड़कंप मचा दिया। धर्मेंद्र यादव ने यह भी दावा किया कि इस रैकेट को “एक जाति विशेष के माफिया” चला रहे हैं और इनके पास करोड़ों रुपये की लग्जरी गाड़ियां तक पहुंचाई गई हैं।

धर्मेंद्र यादव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पूरा रैकेट यूपी के पूर्वांचल—जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, भदोही और बनारस के आसपास—में सक्रिय है। उनके अनुसार, इस जानलेवा नकली सिरप को मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका तक भेजा गया, जिसकी वजह से सैकड़ों बच्चों की जान गई।

सपा सांसद ने यह रैकेट 2000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर चुका है, ऐसा दावा करते हुए कहा कि वह माफियाओं की पूरी लिस्ट नामों सहित सरकार को सौंपने को तैयार हैं। उन्होंने सदन में अपना वीडियो बयान भी साझा किया, जिसका लिंक उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया है—

X लिंक:

https://x.com/MPDharmendraYdv/status/1996173449849618655

धर्मेंद्र यादव ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई।

उन्होंने टिप्पणी की— “यूपी में जीरो टॉलरेंस और बुलडोज़र मॉडल की बात होती है, लेकिन बच्चों की मौतें किसी को दिखाई नहीं देतीं। बनारस—जहां प्रधानमंत्री सांसद हैं—वहां तक यह रैकेट बेखौफ चल रहा है।”

उन्होंने मांग की कि केंद्र और राज्य सरकार इस मुद्दे पर कठोरतम कार्रवाई करें, क्योंकि “पैसा मायने नहीं रखता, मासूमों की मौत की कीमत कोई नहीं चुका सकता।”

कफ सिरप कांड: आरोपी को ‘दामाद जैसी ट्रीटमेंट’ मिलने का आरोप–अजय राय ने सरकार पर साधा निशाना

उधर, यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने नकली कफ सिरप कांड के मास्टरमाइंड और बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की गिरफ्तारी के बाद मिली सुविधाओं को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने फेसबुक पर लिखा— “कफ सिरप कांड के मास्टरमाइंड आलोक सिंह को एसटीएफ दामाद जैसी वीवीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है…! बाइक चोरी पर पुलिस तुरंत लंगड़ा कर देती है, लेकिन हजारों जिंदगियां बर्बाद करने वाले को इतना सम्मान क्यों?”

विपक्ष के हमलों के बाद इस मामले पर सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग और तेज हो गई है।