हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बड़ा ऐलान किया जिसमें कहा गया की राज्य सरकार नशे की चपेट में आए युवाओं को इस लत से मुक्त कराने और उनके पुनर्वास के लिए एक विशेष नीति बनाएगी। सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार इस नीति संबंधी एक व्यापक मसौदे को लेकर बैठक भी हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कल ज्यादातर युवाओं का जीवन मोबाइल फोन तक सिमटकर रह गया है, जिसके कारण वो कई तरह के डिप्रेशन का शिकार हो जातें है और फिर उन्हें नशे की लत लग जाती है।
अत्याधुनिक नशामुक्ति केंद्र बनेगा
हिमाचल प्रदेश के सीएम ने बताया कि राज्य सरकार युवाओं को नशे के चंगुल में फंसने से बचाने के लिए कड़े कदम उठा रही है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान के सहयोग से राज्य में एक अत्याधुनिक नशामुक्ति-सह-पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाएगा।
सिर्फ हिमाचल ही नहीं, देश के लगभग सभी राज्यों का यही हाल है जहां ज्यादातर युवा नशे के आदी हो चुके हैं। बात अगर बिहार की करे तो जब से वहां शराबबंदी हुई है तब से स्थिति और विकराल होती जा रही है। कुछ ऐसा ही हाल पंजाब के युवाओं का भी है।
सभी राज्यों की सरकारों को तुरंत इस पर रोक लगाने के लिए निर्णय लेना चाहिए। अब हिमाचल ने इसकी शुरुआत कर दी है तो आने वाले दिनों में उम्मीद करते हैं कि दूसरे राज्य में इनके नक्शे कदम पर चल कर युवाओं के हित में कुछ ऐसा ही निर्णय लेंगे।
नशा मुक्ति केंद्र में मिलेगी ट्रेनिंग
मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इस केंद्र के लिए भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए और कहा कि इस केंद्र में रह रहे युवाओं को पेशेवर ट्रेनिंग भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह उनके खोए हुए आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और जीवन में आगे बढ़ने के लिए उनका मार्गदर्शन करेगा। सीएम ने कहा कि इन लोगों को सामान्य जीवन में लौटने में सक्षम बनाने के लिए उन्हें परिवार और समाज से जोड़ने पर भी जोर दिया जाएगा।
Compiled: up18 News