श्रीलंका के पीएम ने बताया, हिंसा के दौरान शूट एट साइट के नहीं दिए आदेश

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श्रीलंका में आर्थिक व राजनीतिक संकट जारी है। देश में सरकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को संसद में बताया कि रक्षा मंत्रालय को देश में जारी सरकार विरोधी हिंसा के दौरान शूट एट साइट के आदेश नहीं जारी किए गए हैं।

10 मई को श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने आर्मी, एयरफोर्स व नेवी को सार्वजनिक संपत्ति पर हमला करने वाले किसी भी नागरिक पर फायरिंग करने के आदेश दिए थे।

राजपक्षे व उनके करीबियों की संपत्तियों पर हिंसक भीड़ ने हमला कर दिया था। बता दें कि देश में हिंसा की शुरुआत से लेकर अब तक कुल आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से अधिक लोग जख्मी हैं।

विक्रमसिंघे ने कहा कि इस तरह का कोई भी लिखित आदेश जारी नहीं किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पुलिस अपने विवेक के अनुसार फायरिंग को लेकर फैसला ले सकती है।

उन्होंने बताया कि संसद के कुछ सदस्यों की संपत्तियों पर भी पिछले सप्ताह हमला हुआ लेकिन शूट ऑन साइट के आर्डर नहीं जारी किए गए। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने पिछले सप्ताह बताया कि आगे हिंसा को रोकने के लिए शूटऑन साइट के आदेश जारी कर दिया था। कोलंबो व देश के अन्य हिस्सों में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस व सेना को तैनात किया गया है।

आजादी के बाद सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया से इस्तीफा देने की मांग के लिए देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। स्थानीय अखबार ‘इकोनमी नेक्स्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के सांसद एमए सुमंथिरन ने राष्ट्रपति राजपक्षे के प्रति नाराजगी जताने वाले निंदा प्रस्ताव पर बहस के लिए संसद के स्थायी आदेशों को स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया था।

सत्तारूढ़ दल के सांसद को चुना गया डिप्टी स्पीकर

श्रीलंका की संसद ने मंगलवार को तीखी बहस के बाद गुप्त मतदान के जरिये सत्तारूढ़ दल श्रीलंका पोडुजना पेरेमुना (एसएलपीपी) के सांसद अजित राजपक्षे को डिप्टी स्पीकर चुन लिया। रानिल विक्रमसिंघे को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद यह संसद की पहली बैठक थी। अजित को 109 वोट मिले जबकि मुख्य विपक्षी दल एसजेबी की रोहिणी कविरत्ने को 78 मतों से संतोष करना पड़ा। अजित का सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार से कोई संबंध नहीं है, लेकिन वह उन्हीं के हंबनटोटा जिले से आते हैं।

-एजेंसियां