घर से बाहर निकलने के लिए दक्षिण कोरियाई सरकार बच्चों और युवाओं को देगी 40 हजार रुपया महीना

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दक्षिण कोरियाई सरकार 9-24 वर्ष के बच्चों और युवाओं को लगभग 40 हजार रुपए का मासिक गुजारा भत्ता देगी ताकि उन्हें घरों से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। भत्ते के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए भी सहायता देने की घोषणा की गई है।

इस प्रयास के पीछे सरकार का उद्देश्य युवाओं में ‘हिकिकोमोरी’ को कम करना है। हिकिकोमोरी एक जापानी शब्द है, जिसमें व्यक्ति खुद को समाज से अलग कर एकांत में रहना पसंद करता है। दक्षिण कोरियाई सरकार चाहती है कि हिकिकोमोरी से पीड़ितों के संबंध में स्कूल, यूनिवर्सिटी या काम पर जाने के लिए घर से बाहर निकलने को आसान बनाया जाए।

किशोरावस्था में युवा रहने लगते हैं अकेले

कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड सोशल अफेयर्स के अनुसार 19 से 39 वर्ष की आयु के लगभग 3,50,000 लोग अकेले रहते हैं। यह संख्या इस आयु वर्ग का तीन फीसदी है। समाज से अलग होकर रहने वाले युवा अक्सर आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। किशोरावस्था में 40 फीसदी अकेले रहना शुरू कर देते हैं। देश के लिए ऐसे उपाय जरूरी है क्योंकि यहां युवा बेरोजगारी की दर अपेक्षाकृत उच्च (7.2%) है और तेजी से घटती जन्मदर उत्पादकता को खतरे में डाल रही है।

दक्षिण कोरिया में प्रजनन दर दुनिया में सबसे कम है, जहां पिछले साल प्रति महिला 0.78 बच्चों का जन्म हुआ। बच्चों की परवरिश की उच्च लागत, आर्थिक मंदी, नौकरी की सीमित संभावनाएं और आवास की बढ़ती कीमतों के कारण इस देश में लोग परिवार आगे नहीं बढ़ा रहे।

कोरोना महामारी ने समस्या को और बढ़ाया

दक्षिण कोरिया में जो युवा अलग-थलग या एकांत में रहते हैं, उन्हें आमतौर पर बचपन में अचानक गरीबी का सामना करने, स्कूल में बुली किए जाने और वयस्क होने पर मनचाही नौकरी न मिलने जैसे असफलता से जुड़े अनुभव होते हैं। ‘हिकिकोमोरी’ की स्थिति कोरोना महामारी के दौरान यहां और भी खराब हो गई।

दक्षिण कोरिया 2044 में दुनिया के सबसे वृद्ध देशों या क्षेत्रों में से एक होगा। देश ने प्रजनन दर को बढ़ावा देने के लिए चाइल्डकेयर समर्थन सहित कई कदम उठाए हैं और इसके लिए अब तक 16.36 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं, लेकिन अधिक सफलता नहीं मिली।

खराब वित्तीय स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य पर असर

समाज से बिल्कुल अलग होकर रहने वाले युवा कई बार वित्तीय समस्याओं के कारण भी ऐसा जीवन व्यतीत करने लगते हैं। सियोल में हुए एक सर्वे में एकांत में जीवन बिता रहे 64.7 प्रतिशत युवाओं ने कहा कि उनकी सामाजिक और वित्तीय स्थिति उन 31.4 प्रतिशत युवाओं की तुलना में औसतन कमजोर थी जो कि दूसरों से अलग-थलग नहीं थे। दक्षिण कोरिया में युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य भी एक बड़े मुद्दे के रूप में उभरा है। कोरियाई सांख्यिकी के अनुसार देश में 20 की उम्र के आसपास के युवाओं की 65 फीसदी मृत्यु का कारण आत्महत्या था।

अकेलेपन और तनाव से जूझ रही द. कोरियाई आबादी

55.6% मुश्किल ही अपने घरों से बाहर निकलते हैं
1,29,000 लोग द. कोरिया की राजधानी सियोल में अकेलेपन से ग्रसित
10 में से तीन लोगों ने पांच साल से भी अधिक समय तक अकेले जीवन बिताया
78% युवाओं ने अवसाद का अनुभव किया, जो हिकिकोमोरी से पीड़ित हैं

Compiled: up18 News