मुंबई की हैरान करने वाली कहानी: डबल मर्डर का दोषी पाया गया राजस्‍थान का मूल निवासी विश्व प्रसिद्ध चित्रकार

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चिंतन उपाध्याय अपनी पत्नी और उसके वकील की हत्या के दोषी पाए गए। चिंतन को पत्नी हेमा उपाध्याय और हेमा के वकील हरीश भंभानी की हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी पाया। चिंतन उपाध्याय को 2012 में ब्रिटेन का प्रतिष्ठित चार्ल्स वॉलेस फाउंडेशन का सम्मान भी मिल चुका है।

पिता के नक्शे कदम पर चला, बना चित्रकार

चिंतन के पिता विद्यासागर उपाध्याय भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के चित्रकार हैं। चिंतन ने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए एक चित्रकार के रूप में अपना कॅरियर शुरू किया लेकिन समय बीतने के साथ उसने एक मूर्तिकार के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। पढ़ाई के सिलसिले में परतापुर से निकलकर उसने गुजरात के बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ फाइन आर्ट्स में दाखिला लिया। उसके बाद कॅरियर संवारने मुंबई बस गया। जयपुर में रह रहे अपने माता-पिता के पास वह पारिवारिक आयोजनों में ही आता है।

डबल मर्डर की कहानी क्या है जानें

हेमा और हरीश भंभानी की 11 दिसंबर 2015 को हत्या कर दी गई थी। उनके शव डिब्बों में मुंबई के कांदिवली में एक गड्ढे में मिले थे। मुंबई की सत्र अदालत ने पत्नी हेमा और उनके वकील हरीश की हत्या के मामले में चिंतन को दोषी ठहराया। सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट से उसे जमानत मिल गई थी।

Compiled: up18 News