सनसनीखेज खुलासा: भारत को लेकर PFI ने बनाया ‘मिशन इस्लाम 2047’

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बिहार पुलिस के हत्थे चढ़े दो संदिग्ध लोगों की पूछताछ में होश उड़ाने वाले खुलासे हुए हैं। देश में सक्रिय प्रतिबंधित संगठन ‘मिशन इस्लाम 2047’ पर काम कर रहे हैं। मीडिया में यह शब्द आने के साथ ही लोगों की देश दुनिया के लोगों में दिलचस्पी बनी हुई है कि आखिर ‘मिशन इस्लाम 2047’ क्या है। इससे भारत को क्या नुकसान होने वाला है। इसके पीछे कौन लोग काम कर रहे हैं। इसकी फंडिंग कहां से हो रही है। इस मिशन के नाम में 2047 क्या है। ऐसे कई सवाल हैं जो लोगों जेहन में उठ रहे हैं। उठना भी लाजिमी है क्योंकि यह सीधे तौर से देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मसला है।

कहां से आया ‘मिशन इस्लाम 2047’ का नाम

बिहार पुलिस ने पटना के फुलवरी शरीफ में छापेमारी कर देश विरोधी साजिश का भंडाफोड़ कर दिया। पुलिस ने नयाटोला में चलाए जा रहे एक कार्यालय में छापेमारी कर दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। यहां से पुलिस को कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं।

पुलिस को तलाशी के दौरान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के मिशन 2047 का भी भंडाफोड़ हुआ है। फुलवरी शरीफ के सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर की गई छापेमारी के बाद कई दस्तावेज, झंडा, पैंपलेट, बुकलेट आदि सामग्री बरामद हुई है, जो इस मिशन से जुड़ी है। ये दस्तावेज 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने से जुड़े हुए हैं।

मिशन इस्लाम 2047′ से कौन लोग जुड़े हैं?

पटना पुलिस के अनुसार ‘मिशन इस्लाम 2047’ में काफी लोगों के जुड़े होने की संभावना है। उनका कहना है कि जांच पक्रिया पूरी होने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। पुलिस कार्रवाई में गिरफ्तार लोगों की पहचान झारखंड पुलिस से सेवानिवृत्त दारोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के रूप में की गई है। यही बात पटना पुलिस को ज्यादा अलर्ट मोड में आने को मजबूर कर रही है।

विभाग के आला अफसरों का कहना है कि पुलिस सेवा में रहने के बाद भी अगर कोई ‘मिशन इस्लाम 2047’ जैसे कार्य कर रहे संगठन से जुड़ा है तो यह चिंता का विषय है। पटना पुलिस का कहना है कि ऐसे संगठन से पुलिस महकमे के लोगों की संलिप्तता खतरे की घंटी है.

मिशन इस्लाम 2047′ का क्या है मकसद?

प्रतिबंधित संगठनों ने भारत को ध्यान में रखकर ‘मिशन इस्लाम 2047’ तैयार किया है। इसका मुख्य मकसद 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना है। मिशन को सफल बनाने के लिए कई स्तर की प्लानिंग की गई है। उदाहरण के तौर पर देश के अलग-अलग कोने से ऐसे लोगों का चयन करना जो इस तरह की सोच को सपोर्ट करते हैं। ऐसे लोगों का चयन कर उन्हें विशेष ट्रेनिंग देना। ट्रेंड लोग समाज में जाकर अपने तर्कों से लोगों की सोच बदलने का काम करेंगे। ट्रेनिंग के दौरान दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने का काम करना है।

‘मिशन इस्लाम 2047’ के तहत कैसे चलाए जा रहे थे ट्रेनिंग सेंटर

पटना पुलिस अफसर ने बताया कि 6 और 7 जुलाई को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के नाम पर फुलवारी शरीफ में कैंप लगाया गया था। इस ट्रेनिंग कैंप में चरमपंथी सोच के लोग कैंप में आए लोगों को तलवार, चाकू की ट्रेनिंग दी गई। इस दौरान उन्हें दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने वाले शब्द और नारे सिखाए गए। पुलिस का कहना है कि पूरे क्रियाकलाप की CCTV फुटेज भी मौजूद है।

मिशन इस्लाम 2047′ के तार किन-किन राज्यों में फैला है?

पटना पुलिस की जांच में पता चला है कि झारखंड पुलिस से सेवानिवृत्त दारोगा मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज ना केवल बिहार बल्कि दूसरे राज्यों में ‘मिशन इस्लाम 2047’ का प्रचार कर चुके हैं। ट्रेनिंग कैंप में बिहार के अलावा केरल, झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के लोग भी शामिल हुए। उन्हें एक संप्रदाय विशेष के खिलाफ विद्वेष फैलाने के लिए ट्रेनिंग दी गई। इन्हें सिखाया जा रहा था कि वे अपने समाज में जाएं और एक खास संप्रदाय के असामाजिक तत्व और उन्मादी सोच रखने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें इस मिशन में जोड़ें।

‘मिशन इस्लाम 2047’ के ट्रेनिंग कैंप में क्या मिला? 

पुलिस छापेमारी में PFI का झंडा, PFI के पंपलेट्स, भड़काऊ बातें लिखी किताबें मिली हैं। सबसे खराब बात यह मिली कि भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए दूसरे संप्रदाय के खिलाफ विद्वेष पैदा करने वाली रणनीति पर काम करने की पूरी प्लानिंग मिली है। बरामद प्लानिंग में मिशन को सफल बनाने के लिए काफी हद तक खांका है।

एएसपी ने बताया कि यहां दूसरे राज्यों से प्रशिक्षक और छात्र आते थे और प्रशिक्षण का कार्य भी चलता था। गिरफ्तार लोग सिमी के गिरफ्तार लोगों की जमानत दिलवाने में भी मदद करते थे और सिमी और पीएफआई की बैठकों में शामिल होता था। गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर परवेज पटना गांधी मैदान ब्लास्ट की आतंकी घटना में शामिल था और फिलहाल जेल में है। एएसपी ने बताया कि अभी पुलिस और गहन जांच कर रही है तथा इनके और जुड़े तारों को खंगाला जा रहा है।

मिशन इस्लाम 2047′ की कहां से हो रही है फंडिंग

छापेमारी में बरामद हुए दस्तावेज में खुलासा हुआ है कि ‘मिशन इस्लाम 2047’ को तुर्की और पाकिस्तान से मदद मिल रही है। इस मिशन में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की भी बात दर्ज है। पुलिस का मानना है कि यह गंभीर राष्ट्र विरोधी, संप्रदाय विरोधी और समुदाय विरोधी बात है। जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इनके जितने भी सह आरोपी हैं उन सभी की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।

बिहार पुलिस का प्रयास होगा कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर समाज को मैसेज देने की कोशिश होगी अगर कोई इस तरह का कार्य करता है तो आप किसी भी कीमत पर नहीं बचेंगे।

बिहार में ट्रेनिंग कैंप का मास्टर माइंड कौन? 

पटना पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में पता चला है कि बिहार में चलने वाले ट्रेनिंग कैंप का मोहम्मद जलालुद्दीन ही मुख्य अभियुक्त है। फुलवारी शरीफ में इन्हीं के घर पर ‘मिशन 2047’ पर सारी चर्चाएं होती थी। जितनी भी ट्रेनिंग हुई उस दौरान वहां कुर्सी पर मोहम्मद जलालुद्दीन बैठे रहते थे। मोहम्मद जलालुद्दीन ने कबूल किया है कि उन्होंने अतहर परवेज के साथ मिलकर कार्य कर रहे थे।

अब तक क्या हुई कार्रवाई

पटना पुलिस ने बुधवार को मोहम्मद जलालुद्दीन ओर अतहर परवेज को हिरासत में लिया था। वहीं बुधवार को फुलवारी शरीफ के पेट्रोल लाइन इलाके से एक और संदिग्‍ध को हिरासत में लिया गया है। आईबी ने अपने इनपुट में 12 सदस्यीय साउथ इंडियन टीम के फुलवारी शरीफ पहुंचने की खुफिया सूचना दी थी। इसके बाद एनआईए सतर्क हो गई थी। खुफिया एजेंसी ने पटना पुलिस को सूचित किया था कि फुलवारी शरीफ में बड़े स्तर पर दंगा फैलाने की तैयारी है। इसलिए विशेष टीम बनाकर पहले सारे सबूत एकत्र किए गए जिसके बाद रेड करके आरोपियों को अरेस्ट किया गया है।

-एजेंसी