शिवसेना सांसद संजय राउत को आखिरकार अदालत ने जमानत दे दी है। कुछ दिन पहले ही दोनों पक्षों की तरफ से दलीलों का दौर खत्म हुआ था। आज अदालत ने फैसला सुनाते हुए उनकी जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है। संजय राउत तकरीबन सौ दिन बाद जेल से निकलकर खुली हवा में सांस ले सकेंगे। शिवसेना सांसद संजय राउत को पात्रा चॉल घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था।
संजय राउत की जमानत के खिलाफ ईडी बॉम्बे हाई कोर्ट में जाने की तैयारी कर रही है। आदित्य ठाकरे ने राउत की जमानत पर कहा कि राउत इस नॉट आउट। वहीं ठाकरे गुट की नेता सुषमा अंधारे ने कहा कि टाइगर इज बैक। संजय राउत के साथ-साथ प्रवीण राउत को भी अदालत ने जमानत दी है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन के लिये बीएमसी चुनाव के पहले यह राहत भरी खबर मानी जा रही है। एनसीपी नेता रोहित पवार ने संजय राउत की रिहाई पर लिखा है कि सत्यमेव जयते।
संजय राउत को जमानत मिलने के बाद ईडी की तरफ से कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें संजय राउत की जमानत पर स्टे देने की मांग की गयी थी। प्रवर्तन निदेशालय ने मांग की थी कि उन्हें हाई कोर्ट में जाने तक समय दिया जाए, साथ ही तब तक संजय राउत को बेल न मिले। इस याचिका पर अदालत सुनवाई करते हुए बेल पर स्टे लगाने से मना कर दिया।
पात्रा चॉल स्कैम क्या है?
पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत 2007 से हुई। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा (MHADA), प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है।
2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया। यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था। म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं। रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे। म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था। 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए।
संजय राउत का क्या कनेक्शन?
आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने फ्लैट बनाने की बजाए 47 एकड़ जमीन को आठ अलग-अलग बिल्डरों को बेच दी थी। इससे कंपनी ने 1034 करोड़ रुपये कमाए। मार्च 2018 में म्हाडा ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। मामला आर्थिक अपराध विंग को दिया गया। ईओडब्ल्यू ने फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया था। बताया जाता है कि प्रवीण राउत, संजय राउत का करीबी है। वह एचडीआईएल में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ कंपनी में निदेशक था। वधावन बंधु PMC बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। प्रवीण राउत को कोर्ट ने जमानत दे दी लेकिन पीएमसी बैंक घोटाले के मामले में प्रवीण को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।
Compiled: up18 News