हार्ट अटैक से बचाव के लिए शिलाजीत काफी फायदेमंद माना जाता है। हिमालय की पहाड़ियों में मिलने वाला यह प्राकृतिक पदार्थ पारंपरिक तौर पर आज भी कई दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। शिलाजीत में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो हार्ट को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं हार्ट हेल्थ के लिए शिलाजीत कैसे फायदेमंद है और इसके सेवन का तरीका।
शिलाजीत में मौजूद पोषक तत्व शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सुधारने में मदद करते हैं। ब्लड सर्कुलेशन सही होने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। शोध में यह बात भी सामने आई है कि शिलाजीत में फुलविक एसिड, एंटीऑक्सीडेंट, ग्लूटाथिओन और आयरन पाया जाता है। जब कोई व्यक्ति शिलाजीत का सेवन करता है, तो शरीर में ग्लूटाथिओन का स्तर बढ़ता है, जिससे हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा कम करने में मदद मिलती है।
शिलाजीत का सेवन करने से शरीर का कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। शिलाजीत में पाए जाने पोषक तत्व कोलेस्ट्रॉल का स्तर और ट्राइग्लिसराइड्स कम करने में मदद करते हैं। शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल सही रहने से हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक का खतरा कम करने में मदद मिलती है।
शिलाजीत का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है। आप शिलाजीत की चटनी या अचार बनाकर डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा, आप शिलाजीत का सेवन दूध और गुनगुने पानी के साथ भी कर सकते हैं। ध्यान रहे अगर आप दूध के साथ शिलाजीत ले रहे हैं, तो इसे रात को ही पिएं। कई बार दिन में दूध के साथ शिलाजीत का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
सावधान: शिलाजीत का सेवन करने के नुकसान भी हैं
शिलाजीत का सेवन करते वक्त ध्यान दें कि इसकी तासीर गर्म होती है। गर्मियों के मौसम में अधिक मात्रा में शिलाजीत लिया जाए तो यह त्वचा पर रैशेज, घाव और फुंसी का कारण बन सकता है। गर्म तासीर होने की वजह से शिलाजीत का अधिक सेवन किया जाए तो यह उल्टी होना, बेचैनी महसूस होना और बार-बार पेशाब आने का कारण भी बन सकता है।
– एजेंसी