पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा है कि उनके पिता चापलूसी नहीं करते थे, इसलिए राजीव गांधी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल नहीं किया था। शर्मिष्ठा ने कहा कि उनके पिता ने बताया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में किया काम उनके राजनीतिक जीवन का गोल्डन पीरियड था। शर्मिष्ठा ने ये भी बताया कि राष्ट्रपति रहते हुए उनके पिता और पीएम नरेंद्र मोदी ने एक टीम की तरह काम किया था।
शर्मिष्ठा ने अपने पिता पर लिखी किताब- ‘प्रणब माई फादर: ए डॉटर रिमेंबर्स’ को लॉन्च किया। इसी दौरान उन्होंने ये बातें बताईं। शर्मिष्ठा के मुताबिक उन्होंने अपने पिता की डायरियों में लिखी बातों के आधार पर ये किताब लिखी है। इस किताब में राहुल गांधी से जुड़ी बहुत कम बातें हैं।
राहुल ने जब ऑर्डिनेंस की कॉपी फाड़ी तो बाबा नाराज हुए थे
शर्मिष्ठा ने राहुल गांधी को लेकर अपने पिता के विचार रखे। उन्होंने बताया कि उनके पिता उस ऑर्डिनेंस के विरोध में थे, जिसकी कॉपी सितंबर 2013 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने फाड़ दी थी। शर्मिष्ठा बोलीं कि मैंने ही उन्हें ऑर्डिनेंस फाड़े जाने की खबर सुनाई थी। वे बहुत गुस्सा हुए थे। उनके पिता का कहना था कि इस पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए थी।
लोकतंत्र का मतलब खुलकर संवाद कर पाना
इस किताब पर पूर्व ब्यूरोक्रेट पवन के वर्मा के साथ बातचीत में शर्मिष्ठा ने बताया कि जब उनके पिता RSS के एक इवेंट में गए तो मैंने विरोध जताया था। शर्मिष्ठा बोलीं कि मैंने बाबा से तीन-चार दिन बात नहीं की। एक दिन बाबा ने कहा कि इस इवेंट में अपने जाने को मैं सही नहीं ठहरा रहा हूं, बल्कि देश इसे सही ठहरा रहा है। बाबा को लगता था कि लोकतंत्र का मतलब है, खुलकर संवाद कर पाना।
बाबा सबसे ज्यादा इंदिरा जी के प्रति वफादार थे
इंदिरा गांधी के साथ पिता के कार्यकाल को लेकर शर्मिष्ठा ने कहा कि मेरे पिता कहते थे, इंदिरा गांधी के साथ किया गया काम उनके राजनीतिक जीवन का गोल्डन पीरियड था। इंदिराजी ने बाबा पर नजर रखी। अगर कोई इंसान था, जिसके प्रति मेरे पिता वफादार थे तो वो इंदिरा जी थीं और कोई नहीं। बाबा भी एक दिन में इंदिराजी की कैबिनेट में ऊपर नहीं बढ़े, उन्होंने बहुत मेहनत की, जिसे इंदिराजी ने देखा और उससे प्रभावित हुईं।
दोनों के बीच असली बॉन्ड इमरजेंसी के बाद बना। मेरे पिता हर परिस्थिति में इंदिराजी के साथ खड़े रहे। उस वक्त कई दिग्गजों ने उनका साथ छोड़ दिया था। शर्मिष्ठा बोलीं कि उनके पिता कहते थे, इंदिरा जी को पता था कि इमरजेंसी लागू करके उन्होंने गलती की थी। अगर मेरे अंदर उस वक्त राजनीतिक समझ होती तो मैं जेपी और इंदिरा गांधी के बीच एक राजनीतिक मीटिंग करा देता।
राजीव ने मुझे कैबिनेट में न लेकर अच्छा किया
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद अपने पिता और राजीव गांधी के बीच तनाव की खबरों को झूठा बताया। शर्मिष्ठा ने कहा कि बाबा बताते थे, ये झूठी बातें फैलाई गई थीं, ताकि उनके और राजीव गांधी के बीच गलतफहमी पैदा की जा सके। भरोसे में कमी के पीछे बाबा की दमदार छवि और चापलूसी न करने की आदत शामिल थी। बाबा कहते थे कि मुझे कैबिनेट में न लेकर राजीव ने सही कदम उठाया, क्योंकि मैं मजबूत आदमी हूं।
किताब में शर्मिष्ठा का दावा: राहुल के ऑफिस को AM-PM नहीं पता, PMO क्या संभालेंगे
शर्मिष्ठा ने इस किताब में लिखा कि एक बार प्रणब ने बताया था कि राहुल के ऑफिस को AM (रात 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक का वक्त) और PM (दोपहर 12 बजे से रात 12 बजे का वक्त) नहीं पता। क्या कभी वे प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) संभाल पाएंगे।
शर्मिष्ठा के मुताबिक उनके पिता ने यह भी बताया था कि राहुल गांधी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के कई प्रोग्राम्स में नहीं आते थे। ऐसा क्यों होता था, यह नहीं पता। शर्मिष्ठा ने राहुल और उनके परिवार को लेकर उनके पिता की आलोचनात्मक टिप्पणियों का जिक्र किया है।
Compiled: up18 News
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