राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि विनायक दामोदर सावरकर के देश की आज़ादी के लिए दिए गए बलिदान की कोई अनदेखी नहीं कर सकता है, लेकिन उनसे असहमति को राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. पवार ने कहा कि आज देश के सामने ऐसे कई और ज्वलंत मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान देने की ज़रूरत है.
पवार का ये बयान ऐसे समय आया है जब राहुल गांधी के सावरकर पर दिए गए बयान के बाद वो न सिर्फ़ बीजेपी के निशाने पर हैं बल्कि महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने भी इसका विरोध किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शरद पवार ने हालांकि राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान का बचाव किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पहले भारतीय नहीं है जिन्होंने देश के मुद्दों पर विदेश में बात की है.
नागपुर प्रेस क्लब में जब पवार से पूछा गया कि क्या उन्होंने सावरकर के मुद्दे पर राहुल गांधी से बात की है और क्या राहुल सावरकर की आलोचना में कमी लाएंगे तो पवार ने कहा कि हाल में 18-20 पार्टियां एक साथ बैठीं और देश के सामने मौजूद मुद्दों पर चर्चा की.
राहुल गांधी ने अपनी संसद सदस्यता रद्द होने के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि वो माफ़ी नहीं मांगेंगे. उन्होंने कहा- “मेरा नाम सावरकर नहीं, मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफ़ी नहीं मांगते.” बीजेपी और शिवसेना ने राहुल गांधी के सावरकर पर दिए इस बयान की आलोचना की थी.
पवार ने कहा- “आज सावरकर राष्ट्रीय मुद्दा नहीं हैं, ये पुरानी चीज़ हो गई है. हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कहीं हैं, लेकिन वो व्यक्तिगत नहीं हैं. मैं हिंदू महासभा के ख़िलाफ़ था, लेकिन दूसरा पक्ष भी है. हम देश की आज़ादी के लिए दिए गए सावरकर के बलिदान की अनदेखी नहीं कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि करीब 32 साल पहले उन्होंने संसद में सावरकर के प्रगतिशील विचारों के बारे में बात की थी. पवार ने कहा कि सावरकर ने रत्नागिरी में मकान बनाया था और उसी के सामने छोटे से मंदिर का भी निर्माण कराया था.
पवार ने बताया, “सावरकर ने मंदिर में पूजा की जिम्मेदारी बाल्मिकी समाज के व्यक्ति को दी थी. मेरा मनाना है कि वह बहुत ही प्रगतिशील बात थी.”
Compiled: up18 News