आगामी विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) और बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मिलने में व्यस्त हैं। इस दौरान अशोक गहलोत की ‘पॉलिटिक्स’ पर वाघेला ने कहा कि उनके दोनों पद खतरे में पड़ गए हैं। उनसे मैडम का ट्रस्ट उठ गया।
एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “किसी ने नहीं सोचा था कि अशोक गहलोत, गांधी परिवार विरोधी रुख अपना सकते हैं। गहलोत चाहते हैं कि सीपी जोशी सीएम बनें। राहुल गांधी ने सचिन पायलट से वादा किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गहलोत ने शर्त रखी थी कि वह गुजरात चुनाव तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे। अब उनके दोनों पद खतरे में पड़ गए हैं। उनसे मैडम का ट्रस्ट उठ गया है।”
अशोक गहलोत अब कांग्रेस के लिए गैर प्रभावी
शंकर सिंह वाघेला ने आगे कहा कि अगर अशोक गहलोत अपने राज्य के प्रभारी बने भी रहते हैं, तो भी वह अब कांग्रेस के लिए गैर प्रभावी होंगे। उन्होंने कहा कि यह एक मिथक है कि विपक्ष में प्रधानमंत्री उम्मीदवार पर कोई सहमति नहीं होगी, इसका एक इतिहास रहा है। वाघेला का यह भी कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद अशोक गहलोत गैर-अस्तित्व में होंगे।
राजनीति में कुछ मजबूरियां
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात पर वाघेला ने कहा, “केसीआर गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी नेताओं को एकसाथ लाना चाहते हैं। नीतीश कहते हैं कि सभी गैर-भाजपाई दलों को एकजुट करेंगे। विपक्षी गठबंधन में आप कांग्रेस को कैसे बाहर रख सकते हैं? मैं उनसे कहूंगा कि उन्हें इसका ज्यादा विरोध नहीं करना चाहिए।”
पूर्व सीएम ने कहा कि राजनीति में कुछ मजबूरियां होती हैं। यूपी, बिहार से अगर कोई प्रधानमंत्री उम्मीदवार आता है तो उसकी स्वीकार्यता ज्यादा है। इन दोनों से मिलने का मेरा मकसद भाजपा विरोधी ताकतों को एकजुट करना है।
शंकर सिंह वाघेला का यह भी कहना है कि गुजरात में कांग्रेस के पास नेतृत्व की कमी है जिसे वह भर सकते हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि गुजरात में विपक्ष के रूप में राजनैतिक शून्य है’ और वह इसे भरने के लिए कांग्रेस का मार्गदर्शन करने के इच्छुक हैं। उन्होंने पार्टी को इस बारे में फैसला लेने के लिए 5 अक्टूबर तक का समय दिया है।
-एजेंसी