अयोध्या: मंदिर में रामलला की प्रतिमा के लिए नेपाल से मिली शालिग्राम की शिला

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शिलायात्रा के दौरान इसका पूजन और स्वागत दरभंगा, मधुबनी, मोतिहारी, गोपालगंज और गोरखपुर मंदिर में होगा। इसके बाद शालीग्राम पत्थर को अयेाध्‍या लाया जाएगा.

कामेश्‍वर चौपाल ने बताया कि शालिग्राम शिला की यात्रा बसंत पंचमी के दिन यानी 27 जनवरी से जनकपुर से शुरू होगी। इसके 2 फरवरी तक अयोध्‍या पहुंचने की उम्‍मीद है। उन्‍होंने बताया कि नेपाल के लोगों को जब यह पता चला कि इसी शिला से रामलला का विग्रह बनेगा तो वहां इसके पूजन और स्‍वागत को लेकर खासा उत्‍साह दिख रहा है।

नेपाल सरकार ने उपलब्ध कराई है शिला

कामेश्‍वर चौपाल ने कहा कि यह शालिग्राम शिला काफी मंहगी है। हालांकि, इसे नेपाल सरकार के सौजन्‍य से प्राप्‍त कर लिया गया है। इस शालिग्राम शिला की धार्मिक महत्‍ता है। इसमें भगवान विष्‍णु का वास माना जाता है। शालिग्राम की शिला और प्रतिमा के बारे में कहा जाता है कि 6 तरह का लाभ होता है। सुखद जीवन, समृद्धि, बुरी शक्तियो से रक्षा, अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य, विश्‍वव्‍यापी आनंद और भगवान की कृपा का योग इससे बनता है।

पुरातत्‍व विभाग की जांच के बाद चयन

कामेश्वर चौपाल ने बताया कि गंडकी नदी से इस शिला का चयन करने के लिए नेपाल के पुरातत्‍व विभाग के विशेषज्ञों से मदद ली गई। इनके सहयोग से उच्‍च श्रेणी की शिला का चयन किया गया है।

शिल्‍प विशेषज्ञ तैयार करेंगे प्रतिमा

राम मंदिर ट्रस्‍ट के महा सचिव चंपत राय के मुताबिक रामलला की प्रतिमा की डिजाइन और माडल तैयार करने के लिए मूर्ति निर्माण के देश के ख्याति प्राप्‍त शिल्‍पियों की तीन सदस्‍यीय टीम काम कर रही है। खड़ी मुद्रा की प्रतिमा के कई छोटे-छोटे मॉडल आ चुके हैं। उनमें से किसी का चयन मंदिर ट्रस्‍ट करेगा। यह प्रतिमा साढ़े पांच फीट उंची होगी। इसके नीचे करीब 3 फीट उंचा पेडिस्ट्रियल होगा।

चंपत राय ने कहा कि खगोलशास्‍त्री इसके लिए ऐसी व्‍यवस्‍था कर रहे है, जिससे रामनवमी को देापहर 12 बजे प्रभु राम के जन्‍म के अवसर पर राम लला के ललाट पर सूर्य की किरणें पड़ कर इसे प्रकाशमान करें। अगले साल जनवरी में मकर संक्राति के शुभ मुहूर्त पर राम लला के विग्रह की भव्‍य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा का कार्यकम तय किया गया है।

Compiled: up18 News