आगरा: निजी पैथोलॉजी लैबों में किट से की जा रही मरीजों में डेंगू की जांच अधिकांशतः गलत निकल रही हैं। यह स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराई गई जांच से सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन लैब से डेंगू की पाजिटिव रिपोर्ट देने पर 11 सैंपल लेकर एसएन में जांच कराई। इसमें से सात की डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आई।
निजी अस्पताल और क्लीनिक पर पहुंच रहे बुखार के मरीजों की डेंगू की जांच कराई जा रही है। अधिकांश निजी लैब पर किट से डेंगू की जांच हो रही है। किट से की जाने वाली डेंगू की पाजिटिव रिपोर्ट पर संशय रहता है।
सीएमओ डा. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि तीन निजी लैब से डेंगू की पाजिटिव रिपोर्ट वाले 11 मरीजों के सैंपल लिए गए। इनकी एलाइजा से एसएन मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में जांच कराई गई। इन 11 में से केवल चार की रिपोर्ट पाजिटिव मिली। इसमें से दो मरीज आगरा के हैं और एक मरीज एटा और एक इटावा का है।
उन्होंने बताया कि बुखार के मरीज एसएन और जिला अस्पताल में निःशुल्क डेंगू की जांच करा सकते हैं। जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए 20 बेड का हास्पिटल भी है।
एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. अंकुर गोयल का कहना है कि डेंगू की जांच किट से की जाती है, इसमें मरीज के खून के सैंपल लिए जाते हैं और किट से जांच कर 30 मिनट से एक घंटे में रिपोर्ट दे दी जाती है। किट की सेंसिटिविटी और गुणवत्ता पर रिपोर्ट की प्रमाणिकता निर्भर करती है। इससे इतर डेंगू की सटीक रिपोर्ट एलाइजा टेस्ट से आती है। इसमें खून के सैंपल की जांच मशीन से की जाती है,
माइक्रोबायोलाजिस्ट रीडिंग के आधार पर डेंगू पाजिटिव और निगेटिव रिपोर्ट देते हैं। किट की जांच एक संकेत होती है, डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा टेस्ट कराना चाहिए।
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