बाहरी संघर्ष की बात तो छोड़िये कांग्रेस का आंतरिक संघर्ष भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री केवी थॉमस बगावती तेवर दिखा रहे हैं। उन्होंने माकपा द्वारा कन्नूर में आयोजित सेमिनार में भाग लेने का एलान कर दिया है जबकि कांग्रेस ने इसमें जाने पर रोक लगा दी है।
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के निर्देशों की अनदेखी करते हुए थॉमस ने गुरुवार को कहा कि केरल में सत्तारूढ़ माकपा द्वारा कन्नूर में आयोजित सेमिनार में जाएंगे। माकपा ने सेमिनार में थॉमस के अलावा कांग्रेस सांसद शशि थरूर को भी आमंत्रित किया है। थरूर ने इसमें भाग लेने की अनुमति मांगी तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अनुमति देने से इंकार कर दिया। पार्टी के आलाकमान ने थॉमस को भी ऐसे वक्त में वाम दल के कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया, जब सत्तारूढ़ और विपक्षी दल कांग्रेस केरल में विभिन्न मुद्दों खासतौर से सिल्वरलाइन रेल परियोजना को लेकर आमने-सामने हैं।
केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरण ने थॉमस को आगाह किया था कि यदि वह माकपा के सेमिनार में भाग लेते हैं तो उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। थॉमस को लेकर केरल कांग्रेस ने हाईकमान से भी बात की थी। इसके बाद हाईकमान ने सेमिनार में पार्टी नेताओं को शामिल नहीं होने का आदेश दिया था। इसके बाद भी केवी थॉमस अड़े हुए हैं।
पार्टी नहीं छोड़ूंगा: थॉमस
उधर, थॉमस ने साफ कहा है कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। वह माकपा के राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेने जा रहे हैं। यह मुद्दा मेरे लिए ज्यादा अहम है न कि राजनीति। थॉमस ऐसे समय बगावती तेवर दिखा रहे हैं, जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मौजूदा वक्त को पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण बताया है। उन्होंने हालात से निपटने के लिए पार्टी की एकजुटता को जरूरी बताया है, लेकिन एकजुटता कहीं नजर नहीं आ रही। पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में कलह का सामना कर रही कांग्रेस अब केरल में भी बगावत का शिकार होती दिख रही है।
-एजेंसियां
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