SEBI ने 4 शेयर ब्रोकर कंपनियों को किया बैन, गलत तरीके से बना रहे थे लाखों रुपये

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सेबी के इस आदेश से निवेशकों में हड़कंप मच गया है। बता दें कि पूंजी बाजार के नियामक सेबी ने शुक्रवार को चार कंपनियों को स्वीकृति के बगैर निवेश परामर्श सेवाएं देने के लिए सिक्योरिटी बाजार से छह महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कोर्स वर्क फोकस और इसके मालिक शशांक हिरवानी, कैपिटल रिसर्च के मालिक गोपाल गुप्ता और कैपर्स के मालिक राहुल पटेल को छह महीने के लिए प्रतिभूति बाजार में भागीदारी करने से रोक दिया है। दो अलग-अलग आदेशों में सेबी ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये कंपनियां निवेश सलाहकार के रूप में बिना प्रमाणित सर्टिफिकेट के ही निवेश सलाहकार सेवाओं दे रही थी।

बाजार नियामक के अनुसार, कोर्स वर्क फोकस और हिरवानी ने मार्च 2018 से जुलाई 2020 के दौरान सामूहिक रूप से निवेशकों से 96 लाख रुपये से अधिक जुटाएं थे। वहीं गुप्ता और पटेल ने मिलकर जून 2014 और नवंबर 2019 के बीच निवेशकों से 60.84 लाख रुपये एकत्र किए। सेबी ने बुधवार को पारित अपने अंतिम आदेश में कहा कि इस तरह के कार्यों से कंपनियों ने आईए (निवेश सलाहकार) नियमों का उल्लंघन किया है।

सेबी ने अपने आदेश में, कंपनियों को तीन महीने के भीतर ऐसी सेवाओं के लिए भुगतान किया गया निवेशकों का पैसा वापस करने का निर्देश दिया है। बता दें कुछ दिन पहले सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों में संचालन व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने और जरूरी जानकारी का खुलासा समय पर सुनिश्चित करने के लिये नियमों में संशोधन का निर्णय लिया था।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के बयान के अनुसार, निदेशक मंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया कि जरूरी जानकारी के खुलासे के लिये समयसीमा का कड़ाई से पालन होगा। साथ ही नियामक ने सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल में व्यक्तियों के लिये स्थायी तौर पर सीट की व्यवस्था को भी समाप्त करने का निर्णय किया है। बयान में कहा गया है कि सूचीबद्ध कंपनियों के लिये बाजार अफवाहों का सत्यापन करना और जो भी स्थिति हो, उसके अनुसार उसकी पुष्टि या उसे खारिज करना होगा।

Compiled: up18 News


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