उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित द्रौपदी का डांडा शिखर पर मंगलवार को हिमस्खलन के दौरान नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की 63 लोगों की टीम चपेट में आई थी। इस हिमस्खलन में अबतक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 27 पर्वतारोही अब भी लापता है। इस हादसे में हिमचाल के भी लोग अभी लापता हैं। इस पर्वतारोही दल में हिमाचल के 5 लोग शामिल थे, जिनमें दो लोग सुरक्षित हैं।
लापता लोगों में शिमला के नारकंडा के कर्नल दीपक वशिष्ट कैंथला, शिवम कैंथला और अंशुल कैंथला लापता हैं। वहीं कांगड़ा के राहुल राणा को रेस्क्यू कर लिया गया है। इसके अलावा लेफ्टिनेंट अनुराधा बेस कैंप में सुरक्षित हैं। बता दें कि इस हिमस्खलन में 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
गुरुवार को भी लापता पर्वतारोहियों का सर्च अभियान जारी है। लापता पर्वतारोहियों को तलाशने के लिए 14 जवानों की टीम पहुंच गई है। हाई एटीट्यूड अभियान में इन जवानों को महारथ हासिल है। जवानों मातली हेलीपैड ड्राप किया गया है. सभी जवानों को बेस कैंप के लिए रवाना किया गया, यहां ये सभी जवान डोकरियानी बमक ग्लेशियर जाएंगे।
बता दें कि द्रौपदी का डांडा पर्वत चोटी उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक में भुक्की गांव के ऊपर है। वहां 17 हजार फुट की ऊंचाई पर मंगलवार सुबह हिमस्खलन में पर्वतारोहियों का यह दल चपेट में आ गया था। उत्तराखंड पुलिस ने उन 20 पर्वतारोहियों की लिस्ट जारी की, जो लापता हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग डोकरियानी बमक ग्लेशियर में फंस गए हैं, वहीं हिमस्खलन हुआ था।
-एजेंसी
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