ओपेक प्लस देशों के तेल उत्पादन घटाने के फ़ैसले को लेकर कुछ आलोचनाओं के बाद सऊदी अरब ने अब बयान जारी किया है. इसमें खासतौर पर अमेरिका को निशाना बनाया गया है.
सऊदी अरब ने रूस का पक्ष लेने और अमेरिका के ख़िलाफ़ राजनीति करने के आरोपों का खंडन किया है. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा, ”ओपेक+ के फ़ैसले के बाद सऊदी अरब को लेकर आए बयानों में कहा गया है कि सऊदी अरब अंतरराष्ट्रीय टकरावों में पक्ष ले रहा है और वो अमेरिका के ख़िलाफ़ राजनीतिक रूप से प्रेरित है.”
”सऊदी अरब इन बयानों को पूरी तरह ख़ारिज करता है जो तथ्य पर आधारित नहीं है और ओपेक+ के फ़ैसले को आर्थिक संदर्भ के इतर दिखाती हैं. ये फ़ैसला ओपेक+ समूह के सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से लिया है. ये फ़ैसला किसी एक देश का नहीं है. ये फ़ैसले आर्थिक आधार पर लिए जाते हैं ताकि तेल बाज़ार में मांग और आपूर्ति का संतुलन बना रहे.”
बयान में कहा गया है, ”सऊदी सरकार ने अमेरिकी प्रशासन से लगातार हो रही बातचीत में स्पष्ट किया था कि ओपेक+ के फ़ैसले को एक महीना टालने के नकारात्मक आर्थिक परिणाम होंगे. इस फ़ैसले को टालने का सुझाव दिया गया था. यूक्रेन संकट के संदर्भ में सऊदी अरब की स्थिति को लेकर तथ्यों से छेड़छाड़ करना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे सऊदी अरब की स्थिति नहीं बदलेगी. इसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करना भी शामिल है.”
विदेश मंत्रालय ने कहा, ”सऊदी अरब देशों के संप्रभु इलाक़ों में किसी भी तरह के हमले को खारिज करता है. सऊदी अरब जहां अपने मित्र देशों के साथ मजबूत रिश्तों का पैरोकार है वहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के अच्छे उद्देश्य को तोड़ने-मरोड़ने के किसी के हुक्म, कार्रवाई और कोशिशों को खारिज करता है.
ओपेक प्लस ने पाँच अक्टूबर को इस बात की घोषणा की थी कि तेल उत्पादन में प्रति दिन 20 लाख बैरल की कमी की जाएगी. तेल उत्पादन पहले की तरह जारी रखने की कई अमेरिकी कोशिशों के बावजूद सऊदी अरब समेत ओपेक प्लस देशों ने उत्पादन घटाने का फ़ैसला किया.
ओपेक+ के फ़ैसले के बाद अमरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सऊदी अरब को चेतावनी दी थी कि तेल उत्पादन घटाने के ओपेक प्लस के फ़ैसले के ‘गंभीर परिणाम’ होंगे.
अमेरिका ने ओपेक+ पर रूस का पक्ष लेने का आरोप भी लगाया था. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन-जीन-पियरी ने मंगलवार को कहा था, “ये साफ़ नज़र आ रहा है कि ओपेक प्लस रूस के साथ हैं.”
उन्होंने कहा कि वो विस्तार से बाद में बताएंगी कि इससे अमेरिका-सऊदी के रिश्तों पर क्या असर पड़ेगा.
-एजेंसी