संजय निरुपम ने कांग्रेस से निकाले जाने के बाद कहा है कि मैंने निष्कासन से पहले ही इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि कांग्रेस के भीतर कई लॉबी हैं, जो आपस में ही लड़ रही हैं और इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में हताशा है.
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “पार्टी से निकाले जाने से पहले ही मैं इस्तीफा दे चुका था. पार्टी के अंदर ही कई लॉबियों के बीच टकराव चल रहा है और इससे संगठन गर्त में जा रहा है. मैं धीरज रख रहा था लेकिन मेरा धीरज टूट गया और जो हुआ वे आपके सामने है.”
“पार्टी के अंतर्द्वंद्व के कारण कई लोगों में निराशा है. ऐसे ही चलता रहा तो धीरे-धीरे बहुत कुछ ख़त्म हो जाएगा. कांग्रेस में पांच पावर सेंटर हैं- सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकर्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल”
निरुपम ने कहा कि कांग्रेस जिस नेहरूवादी विचारधारा पर चलती है, वह देश में ख़त्म हो चुकी है.
उन्होंने कहा, “गांधी सेक्युलरिज़म लेकर आए और उनकी सेक्युलरिज़म में धर्म का विरोध नहीं था, लेकिन नेहरू जी ने जब उसे अपनाया जो वह धर्म के खिलाफ़ थे. 70 सालों तक वो विचारधारा चली लेकिन हर विचारधारा का एक समय होता है और फिर वो ख़त्म हो जाती है. यही नेहरूवादी सेक्युलरिज़म में भी होना चाहिए. वो विचारधारा अब ख़त्म हो गई है. लेकिन इसे मानने के लिए कांग्रेस तैयार नहीं है. कांग्रेस पर लेफ्ट की विचारधारा वाले हावी हैं.”
“राहुल गांधी के आसपास भी ऐसे लोगों की भरमार है. लेफ्ट के लोग ही राम मंदिर का विरोध कर सकते हैं क्योंकि ये उनकी विचारधारा है.”
बुधवार देर रात कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि निरुपम को “अनुशासनहीनता” और “पार्टी विरोधी बयानों” के कारण निष्कासित किया जा रहा है.
इससे पहले बुधवार को ही लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी जिससे निरुपम का नाम हटा दिया गया था.
-एजेंसी
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