विपक्षी एकता के नाम पर देश में एक “रोबोट पीएम” चाहते हैं विपक्षी दल: सुशील मोदी

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विपक्षी दल कमजोर प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं: सुशील मोदी

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने वीर कुँवर सिंह के विजयोत्सव और राष्ट्रकवि दिनकर की पुण्यतिथि पर कहा कि इन दोनों महापुरुषों ने अपने-अपने समय में स्वाधीन, शक्तिशाली और विजयी भारत के लिए संघर्ष किया था।

उन्होंने कहा कि कुंवर सिंह ने तलवार से और दिनकर ने कलम से देश के शौर्य का आह्वान किया था जबकि आज कुछ लोग केवल निजी महत्वांकाक्षा के चलते देश के शक्तिशाली नेतृत्व की जगह कमजोर प्रधानमंत्री बैठाना चाहते हैं।

सुशील मोदी ने कहा कि जब देश को नरसिंह राव, देवगौड़ा, आई के गुजराल और मनमोहन सिंह जैसे कमजोर प्रधानमंत्री मिलते रहे तब जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद बढ़ा और मुम्बई में 26/11 के आतंकी हमले के बाद भी आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया गया।

देश में जब बीजेपी की सरकार बनी तभी खुली तरक्की की राह

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भारत को दयनीय छवि से मुक्ति तब मिली, जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने अमेरिकी प्रतिबंध की परवाह किये बिना पांच परमाणु परीक्षण कर दुनिया को अपनी शक्ति का आभास कराया था।

उन्होंने कहा कि परमाणु परीक्षण और कारगिल विजय जैसी उपब्धियों को गंवा कर मनमोहन सरकार ने देश को सीरियल धमाके और सीरियल घोटाले के दौर में पहुंचा दिया था। आज कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री उसी डरावने दौर की वापसी के लिए सक्रिय हैं।

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के समय जब उरी में हमला कर हमारे 19 जवानों का बलिदान लिया गया। तब 10 दिन के भीतर शत्रु की सीमा में घुस कर एयर स्ट्राइक की गई और 38 आतंकियों को मार गिराया गया।

पाकिस्तान में घुसकर 300 आतंकियों को मिट्टी में मिलाया

सुशील मोदी ने कहा कि पुलवामा में धोखे से विस्फोट कर जब आतंकियों ने 40 जवानों को मारने का दुस्साहस किया। तब मात्र 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में सर्जिकल कर दर्जनों आतंकी कैम्प ध्वस्त कर जैश-ए-मुहम्मद के लगभग 300 आतंकवादियों को मिट्टी में मिला दिया।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक के समय जो लोग सेना के पराक्रम का प्रमाण मांगते घूम रहे थे। वही आज विपक्षी एकता के बहाने दिल्ली में रोबोट प्रधानमंत्री बनवाना चाहते हैं।

सुशील मोदी ने कहा कि दुर्भाग्यवश यदि फिर कोई कमजोर प्रधानमंत्री बना तो भारत चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएगा। देश को मजबूत नेतृत्व देना ही महापुरुषों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Compiled: up18 News