दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच नज़र आ रहे मतभेदों का सिलसिला जारी है. दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने शुक्रवार को ये बहस आगे बढ़ाते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों के लिए तैयारी करेगी.
उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी नासमझ है तो क्या करें. उसे हिंदी समझ नहीं आती तो क्या करें. हमने ये नहीं कहा है कि हम सातों सीटों पर लड़ेंगे. हमने कहा कि हम सातों सीटों पर तैयारी करेंगे. फिर गठबंधन होता है या नहीं होता है तो उस हिसाब से तय करेंगे कि कौन किस सीट पर लड़ेगा.”
इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी पर घटिया स्तर की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस दल पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा, “हमारा रुख यह है कि हम इस पार्टी पर भरोसा नहीं कर सकते. उनकी राजनीति बहुत ग़लत और घटिया है, उसमें भ्रष्टाचार है. शिष्टाचार कहीं नहीं है. झूठ बोलने की आदत है. राष्ट्रवाद को ग़लत ढंग से इस्तेमाल करने की आदत है.’
आम आदमी पार्टी की राजनीतिक शुरुआत ही तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के ख़िलाफ़ लड़कर हुई थी.
इससे पहले कांग्रेस नेता अलका लांबा ने दावा किया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक उच्चस्तरीय बैठक में दिल्ली की सातों सीटों के लिए तैयारी करने की बात कही है.
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘अगर कांग्रेस दिल्ली में गठबंधन नहीं करती है तो ‘इंडिया’ गठबंधन में जाने का कोई अर्थ नहीं है. हमारा शीर्ष नेतृत्व ये तय करेगा कि इंडिया गठबंधन की अगली बैठक में जाना है या नहीं.’
इसके बाद कांग्रेस के दिल्ली इंचार्ज़ दीपर बावरिया ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि इस बैठक में ऐसा कोई फ़ैसला नहीं लिया गया था.
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि आम आदमी पार्टी में बेहद अपरिपक्व लोग बैठे हैं, अगर मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर इतने अहम फैसले लिए जाते हैं तो उन्हें भगवान भी नहीं बचा सकते.
Compiled: up18 News