रूस की सेनाओं ने उड़ा दिया यूक्रेन का सबसे बड़ा बांध नोवा कखोवका

INTERNATIONAL

हर तरफ होगा विनाश

नोवा कखोवाका बांध यूक्रेन की सबसे बड़ी नीपर नदी पर बना है और खेरसॉन शहर से 30 किलोमीटर दूर पूर्व में स्थित है। इस बांध का खत्‍म होना स्थानीय क्षेत्र के लिए विनाशकारी तो होगा ही साथ ही साथ यूक्रेन के युद्ध प्रयासों पर भी असर डालेगा। बांध की वजह से पानी के विशाल भंडार रुका हुआ था। यह बांध 30 मीटर लंबा और सैकड़ों मीटर चौड़ा है। इसे सन् 1956 में कखोवका पनबिजली संयंत्र के तहत तैयार किया गया था। बताया जाता है कि इस बांध में करीब 18 क्यूबिक किलोमीटर पानी है। इतना पानी अमेरिका के यूटा में ग्रेट साल्ट लेक में मौजूद के पानी के बराबर है।

पावर प्‍लांट को सप्‍लाई होता पानी

बांध के फटने से खेरसॉन सहित निचले हिस्‍सों में बाढ़ आ गई है। खेरसॉन के कुछ हिस्‍से पर यूक्रेनी सेना ने साल 2022 के अंत में कब्‍जा कर लिया था। बांध में ब्‍लास्‍ट के बाद खेरसॉन क्षेत्र के प्रमुख ने निवासियों से इसे खाली करने के लिए कहा। उन्‍होंने कहा कि पांच घंटे के अंदर पानी गंभीर स्तर पर पहुंच जाएगा। इस बांध से दक्षिण में क्रीमिया में पानी की सप्‍लाई होती है जिस पर साल 2014 में रूस ने कब्जा कर लिया गया था। इसके अलावा जापोरिज्जिया न्‍यूक्लियर प्‍लांट में भी पानी की सप्‍लाई होती है। यह न्‍यूक्लियर पावर प्‍लांट यूरोप का सबसे बड़ा प्‍लांट है।

बढ़ जाएंगी यूक्रेन की परेशानियां

इस घटना के बाद जेलेंस्‍की ने ट्विटर पर लिखा, ‘रूसी आतंकवादी। कखोवका बांध का विनाश पूरी दुनिया के लिए केवल पुष्टि करता है कि उन्हें यूक्रेन की जमीन के हर कोने से बाहर निकाला जाएगा।’ उनके लिए एक मीटर भी जमीन नहीं छोड़ी जानी चाहिए क्योंकि वे हर मीटर का इस्तेमाल आतंक के लिए करते हैं।’ उन्‍होंने बताया कि सभी सेवाएं काम कर रही हैं। बांध की मदद से ही कखोवका हाइड्रो पावर प्‍लांट में बिजली पहुंचती है। बांध के खत्‍म होने से यूक्रेन की चल रही ऊर्जा समस्याओं में इजाफा होगा। साथ ही यह नहर सिस्‍टम को भी खत्‍म कर सकता है क्रीमिया सहित दक्षिणी यूक्रेन के अधिकांश हिस्से तक पानी पहुंचाती है।

Compiled: up18 News


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.