कई घंटे लंबी उड़ान भरने के बाद अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयरस पहुंचीं छह रूसी महिलाओं को एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन अधिकारियों ने रोक लिया. महिलाएं प्रसव से ठीक पहले अर्जेंटीना पहुंची थीं. उनके पास टूरिस्ट वीजा था लेकिन अर्जेंटीना में वे कहां जाएंगी, क्या करेंगी? अधिकारियों को इन सवालों के जवाब नहीं मिले. छहों रूसी महिलाओं के पास कोई रिटर्न टिकट भी नहीं था.
डिलीवरी की तारीख नजदीक आते ही छह रूसी महिलाएं फ्लाइट पकड़कर अर्जेंटीना पहुंच गईं. ब्यूनस आयरस के एयरपोर्ट पर अधिकारियों ने जब उनसे पूछताछ की तो रूसी बर्थ टूरिज्म का मामला सामने आ गया.
इस मामले से अर्जेंटीना के माइग्रेशन डिपार्टमेंट के कान खड़े हो गए. अचानक पूरा मामला समझ में आने लगा. असल में कई रूसी नागरिक अपने बच्चे को अर्जेंटीना में जन्म देना चाहते हैं. अर्जेंटीना में जन्म लेने वाला आसानी से वहां का नागरिक हो जाता है. यही वजह है कि बीते एक साल में ब्यूनस आयरस में नवजात बच्चों के साथ रूसी महिलाएं और रूसी जोड़े खूब दिख रहे हैं. कैफे, पार्कों, बसों और प्राइवेट क्लीनिकों में खूब रूसी नागरिकों का दिखना और रूसी भाषा सुनाई पड़ना सामान्य हो चुका है.
सैकड़ों नहीं, हजारों में है संख्या
ब्यूनस आयरस के सानातोरियो फिनशिएतो क्लीनिकल में प्रेंग्नेंट रूसी महिलाएं हमेशा नजर आ जाती हैं. क्लीनिक के अधिकारी गुइलेर्मो कापुया कहते हैं, हमने कल्पना नहीं की थी कि ये एक ट्रेंड सा बन जाएगा. आखिरी तिमाही में तो संख्या बहुत ही ज्यादा बढ़ गई. दिसंबर 2022 में क्लीनिक में 200 बच्चे पैदा हुए, इनमें से एक तिहाई रूसी मांओं के थे.
दक्षिण अमेरिकी देश पहुंचे ज्यादातर रूसी, स्पैनिश भाषा नहीं बोल पाते हैं. अधिकांश रूसी नागरिक तो पहली बार अर्जेंटीना पहुंचे हैं. माइग्रेशन एजेंसी की डायरेक्टर फ्लोरेंसिया कारिजनानो कहती हैं कि रूसी नागरिकों का आना अब “एक एवलांच” की तरह हो चुका है. बीते तीन महीने में ही गर्भवती महिलाओं के साथ 5,800 रूसी नागरिक अर्जेंटीना पहुंचे हैं.
ज्यादातर रूसी महिलाएं एम्सटर्डम, इस्तान्बुल और अदीस अबाबा से कनेक्टिंग फ्लाइट लेकर ब्यूनस आयरस पहुंचती हैं. माइग्रेशन डायरेक्टर के मुताबिक हर फ्लाइट में 14 से 15 गर्भवती महिलाएं होती हैं.
अर्जेंटीना ही क्यों?
2003 से अर्जेंटीना में रह रहीं रूसी मूल की अनुवादक एलेना श्कीतेनकोवा कहती हैं, “करीब 90 फीसदी महिलाएं यहां बेहतर भविष्य की तलाश में आई हैं. ऐसे कई मामले हैं जब किसी महिला का पता चला कि उसका बेटा होने वाला है और फिर उन्होंने अर्जेंटीना आने का फैसला किया.” श्कीतेनकोवा प्रशासनिक काम में रूसी मांओं की मदद करती हैं.
यूक्रेन युद्ध के चलते रूस ने सैन्य सेवा को अनिवार्य कर दिया है. बीते एक साल में रूस ने देश भर के कई इलाकों से नौजवानों को सेना में भर्ती किया है. रूसी मांओं का जिक्र करते हुए श्कीतेनकोवा कहती हैं, “वे मुझसे कहती हैं कि मैं अपने बेटे को जिंदा देखना चाहती हूं, मैं अपने बेटे के लिए शांति और बेहतर भविष्य चाहती हूं.”
Courtsey – DW