उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ने के बाद अब समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल RLD प्रमुख जयंत चौधरी को राज्यसभा के लिए संयुक्त प्रत्याशी बनाया है.
15 राज्यों की 57 सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होने हैं. इसमें से 11 सीटें उत्तर प्रदेश की हैं और तीन सीटें सपा के खाते में हैं.
श्री जयंत चौधरी जी समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय लोकदल से राज्य सभा के संयुक्त प्रत्याशी होंगे।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) May 26, 2022
इनमें से एक सीट के लिए समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस छोड़कर निर्दलीय पर्चा भरने वाले नेता कपिल सिब्बल को अपना समर्थन दिया है.
इसी साल हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी जयंत चौधरी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था. जयंत चौधरी की आरएलडी ने 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन इनमें से सिर्फ़ 8 पर ही जीत मिली थी.
बता दें कि इससे पहले बुधवार तक सपा की ओर से डिंपल यादव को भेजे जाने की चर्चाएं थी। लेकिन गुरुवार को पार्टी ने इसके इतर जयंत चौधरी को भेजने का फैसला किया। सपा और रालोद ने विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार, यूपी की 11 सीटों के लिए चुनाव 10 जून को होगा। इन सभी 11 सदस्यों का कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त हो रहा है। नामांकन 24 मई से शुरू हो गए हैं। यह 31 मई तक चलेंगे। एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद तीन जून तक नाम वापसी के लिए समय दिया गया है। 10 जून को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा। शाम पांच बजे से मतगणना होगी।
बता दें कि राज्यसभा की 11 सीटों के लिए जोरदार घमासान चल रहा है। यूपी में कुल 403 विधायक हैं। इनमें दो सीटें रिक्त हैं। ऐसे में अभी 401 विधायक हैं। एक सीट के लिए 36 विधायकों का वोट चाहिए। भाजपा गठबंधन के पास 273 विधायक हैं। ऐसे में वह सात सीट आसानी से जीत सकती है। सपा के पास 125 विधायक हैं। वह तीन सीट पर चुनाव जीत सकती है।
इसके बाद 11वीं सीट के लिए जोरदार घमासान होगा। क्योंकि राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो, कांग्रेस के दो और बसपा के एक विधायक है। जनसत्ता दल के दो विधायकों का समर्थन बीजेपी को मिल सकता है। ऐसे में वह यह सीट जीत सकती है। जबकि कांग्रेस और बसपा का किसी भी दल से गठबंधन नहीं है।
-एजेंसियां