सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने संविधान को हाईजैक कर लिया है

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किरेन रिजिजू ने शेयर किया वीडियो

रिजिजू ने पूर्व जज का वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘एक जज की नेक आवाज।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘भारतीय लोकतंत्र की असली खूबसूरती इसकी सफलता है। जनता अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से स्वयं शासन करती है। चुने हुए प्रतिनिधि लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और कानून बनाते हैं। हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र है लेकिन हमारा संविधान सर्वोच्च है।’

रिजिजू ने आगे कहा कि वास्तव में ज्यादातर लोगों के विचार समान हैं। उन्होंने शीर्ष कोर्ट की कॉलेजियम प्रणाली का नाम लिए बिना कहा, ‘ये सिर्फ वो लोग हैं जो संविधान के प्रावधानों और लोगों के जनादेश की अवहेलना करते हैं, सोचते हैं कि वे भारत के संविधान से ऊपर हैं।’

पूर्व जज बोले, SC ने संविधान को किया हाईजैक

एक YouTube चैनल के साथ एक साक्षात्कार में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आरएस सोढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम प्रणाली को लेकर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार संविधान को हाईजैक किया है। इसमें कहा गया है कि हम न्यायाधीशों की नियुक्ति करेंगे और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी।’

23 नवंबर को अपलोड किए गए इंटरव्यू में जस्टिस सोढ़ी ने कहा, ‘हाई कोर्ट सर्वोच्च न्यायालय के अधीन नहीं हैं। उच्च न्यायालय संबंधित राज्यों के स्वतंत्र निकाय हैं। अब क्या हो रहा है… सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति कर रहा है और सुप्रीम कोर्ट के जज कहां से आते हैं? उच्च न्यायालय। इसलिए, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने अब हर समय सर्वोच्च न्यायालय की ओर देखना शुरू कर दिया है और (शीर्ष अदालत के) अधीन हो गए हैं।’

बता दें कि कॉलेजियम 25 साल पुरानी प्रणाली है और इसके जरिए सुप्रीम कोर्ट के जज सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति की जाती है। वर्तमान समय में कॉलेजियम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल, केएम जोसेफ, एमआर. शाह अझय रस्तोगी और संजीव खन्ना शामिल हैं।

Compiled: up18 News


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