कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर अभी गहमा गहमी चल ही रही थी कि राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट का बयान आया कि कांग्रेस में ‘एक व्यक्ति को दो पद’ नहीं चलेगा। सचिन पायलट का ये बयान तब आया है जब बीती रात ही अशोक गहलोत ने अपने विधायकों की एक मीटिंग बुलाई जिसमें उन्होंने संकेत दिया कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने पर ही वो इसके लिए नामांकन करेंगें।
इस बीच एक और कांग्रेस सांसद जो जी-23 गुट से हैं शशि थरूर ने भी मंगलवार (19 सितंबर) को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी जिसके बाद थरूर के भी अध्यक्ष पद पर लड़ने की चर्चा होने लगी थी।
कांग्रेस के विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि शशि थरूर ने मुलाकात में ये बात पहले ही स्पष्ट कर दी है कि अगर गांधी परिवार का कोई भी सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए लड़ेगा तो वो नामांकन नहीं दाखिल करेंगे।
गांधी परिवार से उम्मीदवार नहीं उतरा तो गहलोत और थरूर के बीच मुकाबला
अगर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में गांधी परिवार से कोई भी उम्मीदवार नहीं होता है तो फिर मुकाबला शशि थरूर और अशोक गहलोत के बीच हो सकता है। ऐसे में अगर गहलोत जीत जाते हैं तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएंगे। सचिन पायलट के इस बयान, (एक व्यक्ति दो पद) को हम यहां से भी देख सकते हैं कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए वो राजस्थान के सीएम नहीं रह सकते। इसके बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री की रेस में सबसे बड़ा नाम सचिन पायलट का ही होगा।
सचिन पायलट को मिल सकती है राजस्थान की कमान
अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ते हैं और जीतकर वो अध्यक्ष बन भी जाते हैं तो आलाकमान सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बना सकता है। हालांकि इस दौरान राजस्थान में सचिन पायलट के नाम पर कांग्रेस विधायकों की सहमति भी देखी जाएगी। अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बन जाने के बाद राजस्थान के विधायक पायलट का समर्थन कर दें, इसकी भी संभावना कम ही दिखाई देती है। स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए हाईकमान को यहां नजरें बनाए रखनी होंगी।
-एजेंसी