ग्लोबल इकॉनमी पर मंदी का साया, लेकिन भारत के GST कलेक्शन में 13 फीसदी उछाल

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​13 परसेंट उछला जीएसटी कलेक्शन

जीएसटी मार्च में सालाना आधार पर 13 फीसदी बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन है। अब तक का सबसे ज्यादा कलेक्शन अप्रैल, 2022 में 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा था। मार्च, 2023 में अब तक के सर्वाधिक जीएसटी रिटर्न भी जमा किए गए।

फाइनेंस मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार मार्च 2023 में कुल जीएसटी कलेक्शन 1,60,122 करोड़ रुपये रहा। खास बात यह भी है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जीएसटी का कुल कलेक्शन 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 22 फीसदी अधिक है। बीते वित्त वर्ष में चार महीने ऐसे रहे, जब कुल जीएसटी कलेक्शन 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा।

कार, एसयूवी की रेकॉर्ड बिक्री

31 मार्च, 2023 को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में देश में कार और एसयूवी की बिक्री 27 फीसदी के उछाल के साथ रेकॉर्ड पर पहुंच गई। यह एक दशक में इसकी सबसे लंबी छलांग है। शुरुआती अनुमानों के मुताबिक 2022-23 में देश में पर्सनल वीकल्स की बिक्री 38.9 लाख यूनिट रही जो पिछले साल 30.7 लाख यूनिट रही थी। मारुति सुजुकी से लेकर हुंडई, किया, एमजी और मर्सिडीज-बेंज ने पिछले वित्त वर्ष में रेकॉर्ड गाड़ियां बेची। नए मॉडलों और एसयूवी की डिमांड में तेजी से कंपनियों की बंपर बिक्री हुई।

देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी के डायरेक्टर (सेल्स एंड मार्केटिंग) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि 2022-23 में कंपनी ने घरेलू स्तर पर रेकॉर्ड कारें बेची और एक्सपोर्ट में भी नया रेकॉर्ड बना। कंपनी ने इस दौरान 16 लाख गाड़ियां बेची और 2.6 लाख गाड़ियों को एक्सपोर्ट किया।

यूपीआई ट्रांजैक्शन 14 लाख करोड़ के पार​

मार्च में यूपीआई ट्रांजैक्शंस ने भी नया रेकॉर्ड बना दिया। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के आखिरी महीने यह 14 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। इस दौरान वॉल्यूम ऑफ ट्रांजैक्शंस भी 865 करोड़ के नए रेकॉर्ड पर पहुंच गया। फरवरी की तुलना में इसकी वैल्यू 13 परसेंट और वॉल्यूम 18 परसेंट बढ़ा है। अगर पिछले साल मार्च की बात करें तो उसकी तुलना में इस बार वॉल्यूम में 60 फीसदी और वॉल्यूम में 45 फीसदी तेजी आई है।

अधिकारियों का कहना है कि मार्च फिस्कल ईयर का आखिरी महीना होता है, इसलिए सभी तरह के डिजिटल ट्रांजैक्शंस पीक पर पहुंच गईं। जनवरी की तुलना में फरवरी में इसमें गिरावट आई थी। मार्च में आईएमपीएस ट्रांजैक्शंस की संख्या 49.7 करोड़ और वैल्यू 5.5 लाख करोड़ रुपये रही। इसी तरह फास्टैग का वॉल्यूम 30 करोड़ और वैल्यू 5067 करोड़ रुपये रही।

डिफेंस एक्सपोर्ट 16,000 करोड़ के पार

भारत कभी अपनी सेनाओं के लिए पूरी तरह हथियारों के आयात पर निर्भर था लेकिन अब वक्त बदल चुका है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में भारत ने 16,000 करोड़ रुपये का डिफेंस एक्सपोर्ट किया जो अब तक का रेकॉर्ड है। डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में भारत ने 15,920 करोड़ रुपये का डिफेंस साजोसामान एक्सपोर्ट किया। यह 2016-17 की तुलना में दस गुना अधिक है।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में डिफेंस सेक्टर में किए गए सुधारों के कारण यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत को डिफेंस प्रॉडक्शन का हब बनाने की दिशा में आगे भी प्रयास जारी रखेगी। 2016-17 में देश का डिफेंस एक्सपोर्ट 1521 करोड़ रुपये था। साल 2020-21 में भारत ने 12,815 करोड़ रुपये का रक्षा साजोसामान एक्सपोर्ट किया था।

Compiled: up18 News