रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानी शुक्रवार को रक्षा शिपयार्ड पर रक्षा मंत्रालय के सलाहकार समिति की बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि “हमारी समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए एक सशक्त नौसेना और तटरक्षक बल आज की महत्त्वपूर्ण जरूरत है। नौसेना और तटरक्षक बल की मजबूती तभी संभव है, जब हम उन्हें अत्याधुनिक जहाज एवं हथियारों दिए जाए। इस दिशा में हमारे शिपयार्ड अहम भूमिका निभा रहे हैं।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “जिस तरह से हमारे डिफेंस शिपयार्ड ने बीते हुए सालों में काम किया है, वह सराहनीय है। हमारे डिफेंस शिपयार्ड ने न केवल समय पर डिलीवरी का ख्याल रखा है, बल्कि ये सभी अपने उत्पादों की गुणवत्ता में भी अग्रणी रहे हैं। जब हम दूसरे देशों में एक्सरसाइज के लिए जाते हैं और वहां हमारे शिपयार्ड की जिस तरह से प्रशंसा की जाती है तो हम गौरवान्वित महसूस करते हैं।”
शिपयार्ड आत्मनिर्भर भारत के विजन का प्रमुख उदाहरण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आत्म निर्भर भारत का जिक्र करते हुए कहा कि डिइफेन्स शिपयार्ड पीएम मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन का एक प्रमुख उदाहरण है। भारत के रक्षा शिपयार्ड की सराहना दुनिया भर में विदेशों ने भी की है।
GeM के माध्यम से घरेलू उत्पादों को मिल रहा प्रोत्साहन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “हमें इस बात की खुशी है कि इन शिपयार्ड में GeM के माध्यम से वसूली में वृद्धि हो रही है जिसमें न सिर्फ घरेलू उत्पादों को प्रोत्साहन मिल रहा है, बल्कि वसूली में ज्यादा पारदर्शिता आई है। सभी शिपयार्ड के लिए MoU 2022-23 के अंतर्गत GeM के माध्यम से वसूली बढ़ाने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त इन शिपयार्ड के लिए कुल वसूली का 25 प्रतिशत MSMEs से करने का लक्ष्य रखा गया है।”
मुंबई में इस साल क्यों आयोजित हुए रक्षा मंत्रालय के सलाहकार समित की बैठक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछली बार जब बैठक हुई थी तो सभी का आग्रह था कि हम देखना चाहते हैं कि शिपयार्ड में कैसे क्या काम होता है। इसलिए हमने तय किया था कि हम यह बैठक मुबंई में करेंगे, जिससे आप लोगों को जो भी समय मिले ये सब देख सके।
Compiled: up18 News
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