TV एंकर अमन चोपड़ा की गिरफ्तारी पर राजस्‍थान हाई कोर्ट ने बरकरार रखी रोक

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राजस्थान उच्च न्यायालय ने न्यूज़18 इंडिया के पत्रकार अमन चोपड़ा की गिरफ्तारी पर रोक बरकरार रखी है. राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ के न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकल पीठ ने बुधवार को दोपहर 12 बजे मामले में सुनवाई शुरू की. करीब 22 मिनट तक चली इस सुनवाई के दौरान जस्टिस मेहता ने सरकार की ओर से नियुक्त विशेष अधिवक्ता और अमन चोपड़ा के अधिवक्ताओं के पक्ष को सुना. दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस मेहता की कोर्ट में अमन चोपड़ा की गिरफ्तारी पर लगी रोक को बरकरार रखा.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकारी वकील से सवाल से किया कि गिरफ्तारी क्यों जरूरी है? कोर्ट ने कहा कि डिबेट में बैठे सभी को छोड़ो आपको एक पत्रकार की कस्टोडियल इन्वेस्टिगेशन क्यों चाहिए? डिबेट में पार्टी के जो प्रतिनिधि थे, उनका क्या? वहीं अमन चोपड़ा के अधिवक्ताओं ने भी अपने तर्क कोर्ट के सामने रखे.

आज ही सुप्रीम कोर्ट ने दिया है यह बड़ा अंतरिम आदेश

आपको बता दें कि राजद्रोह कानून की वैधता को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ही अंतरिम आदेश देते हुये केन्द्र सरकार और राज्यों को निर्देशित किया है कि वे राजद्रोह के तहत कोई नई प्राथमिकी दर्ज नहीं करे. जो पहले से ही जेल में हैं, वे राहत के लिए सक्षम अदालतों का दरवाजा खटखटा सकते हैं. केंद्र को राजद्रोह कानून की समीक्षा करने की इजाजत दे दी गई है. कोर्ट जुलाई के तीसरे हफ्ते में इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

जयपुर बेंच पहले ही लगा चुकी है गिरफ्तारी पर रोक

उल्लेखनीय है कि राजस्थान से जुड़े एक मामले में अमन चोपड़ा के खिलाफ प्रदेश के तीन जिलों अलवर, बूंदी और डूंगरपुर के अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से अलवर और बूंदी जिले में दर्ज की गई प्राथमिकी के खिलाफ पेश याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच अग्रिम आदेश तक पहले ही गिरफ्तारी पर रोक लगा चुकी है.

20 मई को मामले में फिर सुनवाई होगी

बुधवार को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अमन चोपड़ा को जांच में सहयोग करने के लिये निर्देशित किया है. कोर्ट ने कहा कि वे आगामी 16 मई को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक इन्वेस्टिगेशन को ज्वॉइन करने के लिए थाने में पेश हों. उसके बाद आगामी 20 मई को मामले में फिर सुनवाई होगी.

इस प्रकरण में और दर्ज एफआईआर के मामले में भी गिरफ्तार नहीं कर सकते

इस दौरान अमन चोपड़ा के अधिवक्ता ने कोर्ट से निवेदन किया कि कहीं ऐसा ना हो कि अमन जांच में सहयोग करने के लिये आएं और इसी प्रकरण में कोई अन्य एफआईआर दर्ज कर पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले. इस पर कोर्ट ने ऐतिहासिक आदेश सुनाते हुए यह निर्देशित किया कि इस प्रकरण में और दर्ज एफआईआर के मामले में भी अमन चोपड़ा को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. चोपड़ा की तरफ पैरवी अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अचिन्त्य कौशिक ने की. सरकार की तरफ से विनित जैन और एएजी अनिल जोशी समेत अन्य अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा.

-एजेंसियां