जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस: आरोपियों को बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी राजस्थान सरकार

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उन्होंने मामले में कमजोर अभियोजन के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) राजेंद्र यादव को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया। साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने बरी हुए आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) दायर करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि 2019 के जिला अदालत के फैसले को पलटते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले, जिसके लिए वह जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करेगी।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य सर्वश्रेष्ठ वकीलों को नियुक्त करके पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करेगा। बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा, गृह विभाग के प्रमुख साची आनंद कुमार, डीजीपी उमेश मिश्रा, एडीजी एसओजी-एटीएस अशोक राठौर, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन सहित अन्य उपस्थित थे।

विशेष अदालत ने सुनाई थी फांसी की सजा

जयपुर बम ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को चारों आरोपियों मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी करार दिया था। साथ ही अदालत ने इन चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन दोषियों की अपील पर फैसला सुनाते हुए 28 मार्च 2023 को राजस्थान हाई कोर्ट ने पूरे मामले में एटीएस की थ्यौरी को गलत बताते हुए चारों आरोपियों को बरी कर दिया।

Compiled: up18 News