नई दिल्ली। पूर्वोत्तर भारत में समय से पहले पहुंचा मानसून तबाही मचाने लगा है। दो दिन में 32 लोगों की मौत हो गई। असम में 16, अरुणाचल में 9, मिजोरम में 4 और मेघालय में 3 लोगों की जान गई। असम में सभी मौतें लैंडस्लाइड-बाढ़ के चलते हुई। अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट कामेंग जिले में हाईवे 13 पर भूस्खलन की चपेट में आई कार गहरी खाई में गिर गई। हादसे में दो परिवारों के 7 लोग मारे गए। एक अन्य घटना में 2 लोगों की जान गई। मिजोरम के सेरछिप में 13 घर ढह गए। एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं उत्तरी सिक्किम में करीब 1500 पर्यटक फंसे हैं
लगातार भारी बारिश के कारण असम में बाढ़ और भूस्खलन के कारण अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। भारी बारिश के कारण 17 जिले जलमग्न हो गए हैं और 78,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मिजोरम में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है, जिससे चार लोगों की मौत हो गई है जिनमें से तीन म्यांमार के शरणार्थी थे और एक अन्य घायल हो गया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बारिश से संबंधित मौतों की कुल संख्या अब पांच हो गई है।
मेघालय में भारी बारिश के कारण दो लड़कियों की बिजली गिरने से मौत हो गई और एक अन्य व्यक्ति डूब गया। पीटीआई के अनुसार पिछले तीन दिनों में छह मौतें हुई हैं। भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और बिजली आपूर्ति बाधित होने से 49 गांवों के करीब 1,100 लोग प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भूस्खलन के कारण हुई नौ मौतों पर दुख व्यक्त किया पूर्वी कामेंग में सात और जीरो घाटी में दो और प्रत्येक पीड़ित परिवार के लिए 24 लाख की अनुग्रह राशि की घोषणा की। आईएमडी ने 1 से 5 जून तक भारी बारिश, गरज और बिजली गिरने का अनुमान लगाया है, और 5 और 6 जून को भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
वहीं, सिक्किम में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण मुख्य मार्ग के बाधित हो जाने से शनिवार को उत्तर सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में करीब 1,500 पर्यटक फंस गए।
अधिकारियों ने बताया कि दूसरी ओर भारी बारिश के कारण लापता आठ पर्यटकों की तलाश में बाधा आई और तीस्ता नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद अंततः तलाश अभियान स्थगित कर दिया गया।
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