कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के एक बयान पर तीन दिन पहले अचानक भूचाल आ गया। दिग्विजय सिंह ने पुलवामा हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगे। इस पर सियासत तेज हो गई। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने मामले में सफाई दी और कहा था कि सेना को सबूत देने की जरूरत नहीं है। दिग्विजय के बयान के बाद उन्हें मीडिया की बयानबाजी से दूर रखा गया। जयराम रमेश भी सार्वजनिक तौर पर दिग्विजय से नाराज दिखे। इसी बीच दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से पुलवामा हमले को लेकर कई सवाल पूछने वाला ट्वीट किया है। जिससे उनके बकायती सुर को हवा मिल रही है।
गणतंत्र दिवस पर जहां पूरा देश सेना के शौर्य की गाथाएं बयां कर रहा है। भारत की एकता और ताकत की बातें हो रही हैं, वहीं दिग्विजय सिंह ने फिर से सवालिया ट्वीट करके सियासत गरमा दी है।
‘…तो फिर क्या सवाल पूछूं?’
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘पुलवामा में हमारे 40 जवान शहीद हो गए। 3 कुंतल आईडीएक्स कहां से आया? डीएसपी देवेंद्र सिंह को क्यू छोड़ दिया?
गलवान में 42 जवान कैसे शहीद हुए क्या ये सवाल भी ना पूछूं तो फिर क्या सवाल पूछूं? सेना के शौर्य को सलाम है लेकिन क्या मोदी जी से सवाल करना देश द्रोह है?’
कांग्रेस ने झाड़ लिया था पल्ला
दिग्विजय सिंह ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सभा में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत कहा हैं? उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर भी कई सवाल पूछे। दिग्विजय के बयान पर विवाद शुरू हो गया।
कांग्रेस पर चौतरफा हमले शुरू हो गए। सियासत शुरू हो गई और सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने के मामले में कांग्रेस घिर गई तो पार्टी ने इस बयान से पल्ला झाड़ लिया।
राहुल गांधी ने दी थी सफाई
राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह के बयान को निजी बताया था। उन्होंने कहा कि पार्टी का उनके बयान से कोई लेनादेना नहीं है। सेना अगर कुछ करती है तो उन्हें सबूत देने की जरूरत नहीं है। हमें भारतीय सेना पर भरोसा है।
वहीं दिग्विजय सिंह को भी पार्टी की तरफ से दबाव में लाया गया। उन्हें मीडिया में बयानबाजी न करने को कहा गया। जयराम रमेश दो मौकों पर मीडिया के माइक से दिग्विजय को पीछे धकियाकर खुद बात करते नजर आए। लेकिन दिग्विजय के सवालिया ट्वीट नहीं थम रहे।
Compiled: up18 News