राहुल गांधी शांति के मसीहा नहीं, सिर्फ एक राजनीतिक अवसरवादी: अमित मालवीय

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एक ट्विटर पोस्ट में मालवीय ने कहा, “2015-17 के बीच राहुल गांधी ने एक बार भी जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए मणिपुर के चुराचांदपुर का दौरा नहीं किया, जो कांग्रेस के सीएम ओकराम इबोबी सिंह सरकार के तीन विधेयकों को पारित करने के फैसले के बाद भड़की थी।

मालवीय ने कहा, इस हिंसा में नौ युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई और प्रदर्शनकारी समुदायों ने दो साल तक उनका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। तब राहुल गांधी ने मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया।

भाजपा नेता ने कहा- “वह शांति के मसीहा नहीं हैं, बस एक राजनीतिक अवसरवादी हैं जो बर्तन को गर्म रखना चाहते हैं। उनकी मणिपुर यात्रा लोगों की चिंता के कारण नहीं है, बल्कि उनके अपने स्वार्थी राजनीतिक एजेंडे के कारण है। यही कारण है कि कोई भी उन पर या कांग्रेस पर भरोसा नहीं करता है।”

मालवीय की टिप्पणी तब आई है जब राहुल गांधी ने गुरुवार से हिंसा प्रभावित राज्य की दो दिवसीय यात्रा शुरू की है, जहां वह राहत शिविरों में रहने वाले परिवारों से मिलेंगे और नागरिक समाज संगठनों, आदिवासी और गैर-आदिवासी नेताओं के साथ भी बातचीत करेंगे।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी ट्विटर पर कहा, “यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) पूरी तरह से चुप हैं और निष्क्रियता में डूबे हुए हैं।”

कांग्रेस ने मणिपुर में तीन मई से शुरू हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाया है।

कांग्रेस पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने में बुरी तरह विफल रहने के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को हटाने की भी मांग कर रही है।

गौरतलब है कि वहां हुई हिंसा में अब तक कम से कम 120 लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

Compiled: up18 News


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