नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद में 24 नवंबर को सर्वेक्षण के काम के दौरान हुई हिंसा को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई थी और 20 के करीब घायल हुए हैं। इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हालिया विवाद पर राज्य और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि उत्तर प्रदेश संभल में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
राहुल गांधी ट्वीट में आगे लिखते हैं कि प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना, जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है। भाजपा का सत्ता का इस्तेमाल हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करना है। वो प्रदेश के हित में काम नहीं करते हैं और न ही देश के। मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं। मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें। हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफरत नहीं, बल्कि एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।
प्रियंका गांधी ने इस हिंसा पर सवाल उठाते हुए कहा कि, सरकार ने खुद माहौल खराब किया है। प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, संभल, उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इतने संवेदनशील मामले में बिना दूसरा पक्ष सुने, बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह हड़बड़ी के साथ कार्रवाई की, वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया। प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा।
सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में। माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए। प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि हर हाल में शांति बनाएं रखें।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल सोमवार को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा जिले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 163 के अंतर्गत 30 नवंबर तक निषेधाज्ञा लागू की गई है। इसके तहत 30 नवंबर तक जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है।