यूपी: गाजीपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में सरकारी आवास में मृत मिले कासिमाबाद एसडीएम वीर बहादुर यादव

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गाजीपुर में कासिमाबाद तहसील के एसडीएम वीर बहादुर यादव का मंगलवार को सरकारी आवास में शव मिला है। संदिग्ध परिस्थितियों में बॉडी कमरे में बेड पर पड़ी हुई थी। सुबह एसडीएम जब काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं आए, तो उनके अर्दली ने कमरे का दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब नहीं मिला तो वह घबरा गया। तुरंत ऑफिस के सीनियर अफसरों को सूचना दी। कुछ ही देर में मौके पर अफसर पहुंच गए।

गाजीपुर के अफसरों ने कमरे की खिड़की का दरवाजा किसी तरह से खोला। अंदर देखा तो बेड पर वह अचेत हालत में पड़े थे। इसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। तुरंत डॉक्टर को मौके पर बुलाया। वीर बहादुर यादव 2015 बैच के पीसीएस अधिकारी थे।

डॉक्टर ने जांच करने के बाद एसडीएम को मृत घोषित कर दिया। करीब 6 घंटे चली जांच पड़ताल के बाद एसडीएम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उनकी पत्नी और बच्चे मौके पर मौजूद हैं। वहीं डीएम पोस्टमॉर्टम के बाद मौत का कारण साफ होने की बात कह रही हैं।

एसडीएम के अर्दली के अनुसार रात में 9 बजे बहादुरगंज नगर पंचायत क्षेत्र में निकाय चुनाव को लेकर फ्लैग मार्च किया था। रात 11 बजे उन्होंने डीएम के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इसके बाद रात साढ़े 11 बजे खाना खाया। कुछ देर टहलने के बाद वो कमरे में सोने चले गए थे।

45 साल के एसडीएम वीर बहादुर यादव कल रात तक पूरी तरह ठीक थे। उनको कोई दिक्कत नहीं थी। ऐसे में क्या हुआ। यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।

एसडीएम वीर बहादुर यादव मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं। उनका परिवार लखनऊ में रहता है। वह अकेले ही गाजीपुर की कासिमाबाद तहसील में सरकारी आवास में रहते थे। सोमवार रात भी वह घर में अकेले ही थे। बाहर स्टाफ ड्यूटी पर था। 2015 में पीसीएस परीक्षा पास की थी। इसके पहले वो गाजीपुर में अतिरिक्त उपजिलाधिकारी और एसडीएम जखानिया के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके थे। उनके असमय निधन से पूरा प्रशासनिक अमला गमगीन है।