साइकाएट्रिस्ट ने लंदन हाई कोर्ट को बताया, प्रत्यर्पण पर क्या सोचता है नीरव मोदी

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नीरव मोदी पर मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 14,500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। फरवरी में ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। इस फैसले के खिलाफ उसने लंदन हाईकोर्ट में अपील की है। भारत लाए जाने के बाद उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 में रखा जाएगा।

मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में सुसाइड का खतरा

नीरव के साइकाएट्रिस्ट प्रोफेसर एंड्रयू फॉरेस्टर ने हाईकोर्ट को बताया कि आर्थर रोड जेल प्रशासन का कहना है कि उसने बैरक 12 से सभी नुकीली चीजें हटा ली हैं। लेकिन वहां दरवाजे के हैंडल और नल से लटककर कैदियों के जान देने के मामले भी देखे गए हैं।

नीरव के साइकाइट्रिस्ट ने अदालत को बताया कि वह केवल ‘काटने और फांसी’ के बारे में सोचता है। उसका मानना है प्रत्यर्पित किए जाने के बाद वह जेल में ही मरेगा। उसकी बीमारी इतनी गंभीर है कि उसे दो बार अस्पताल भेजा जा चुका है। आत्महत्या को लेकर जेल में उसको 4 बार मॉनिटर करना पड़ा है। वह घोर निराशा में है।

नीरव की मां ने भी सुसाइड किया था

फॉरेस्टर ने अदालत को बताया कि नीरव मॉडरेट डिप्रेशन का शिकार है। ऐसा परिवार से दूरी की वजह से हुआ है। फॉरेस्टर ने यह भी बताया कि नीरव की मां ने भी सुसाइड किया था। उन्होंने जेल के हालात को लेकर भारत सरकार के आश्वासन की आलोचना करते हुए कहा कि वहां व्यक्तिगत देखभाल के लिए कोई प्लान ही नहीं है। साथ ही भारतीय जेलों में आत्महत्या रोकने के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं है।

भारत में वकील से रोज मिलने की होगी छूट

भारत सरकार की ओर से वकील हेलन मैल्कम केसी ने अदालत से कहा कि नीरव अपने पर्सनल साइकाएट्रिस्ट से राय ले सकेंगे। उसके साथ सेल में एक और कैदी रहेगा। नीरव अपने वकील से रोज मिल सकता है। वहीं, हफ्ते में एक बार अपने परिवार से मिल सकेगा।

-एजेंसी