गुजरात के 68 जजों के प्रमोशन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद हाई कोर्ट ने नई सूची जारी की है। इसमें हाई कोर्ट ने 68 जजों की प्रमोशन सूची से 40 जजों को बाहर करते हुए उन्हें वापस पुराने पदों पर भेजा दिया है। इसके अलावा हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार प्रमोशन के लिए योग्य पाए गए बाकी 28 जजों की अलग सूची जारी की हैं। इनमें उन्हें तैनाती दी गई है। प्रमोशन की प्रक्रिया के विवाद में आने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 40 जजों के नामों का चयन फिर से किया जाएगा।
जज हरीश वर्मा की प्रोन्नति बरकरार
मोदी सरनेम मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाने वाले जज एच एच वर्मा का प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित नहीं हुआ है। वर्मा सहित अन्य 27 जजों की प्रोन्नति बरकरार रखी गई है, क्योंकि इन सभी के लिखिल परीक्षा में 124 अंक या इससे अधिक हैं। वर्मा ने लिखिल परीक्षा में 127 अंक हासिल किए थे। पहले की सूची में एच एच वर्मा को प्रोन्नति देकर राजकोट भेजा गया था। नई सूची में भी जज एच एच वर्मा की तैनाती राजकोट में रखी गई है। वे वहां पर बतौर एडीशन डिस्ट्रिक्ट एंड एडीशन सेशंस जज के तौर पर काम करेंगे।
फैसला देने वाले शाह सेवानिवृत्त
तो वहीं दूसरी गुजरात की ज्यूडिशरी में अपने फैसले से हड़कंप मचाने वाले जस्टिस एम आर शाह को सेवानिवृत्त हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में आखिरी बार बेंच पर बैठने के दौरान आंखों में आंसू आ गए। जस्टिस शाह ने कहा कि मैं एक नारियल की तरह हूं .. अगर मैं रोना शुरू कर दूं तो कृपया मुझे माफ करें। बार के सभी सभी सदस्यों का तहे दिल से धन्यवाद।
शाह ने कहा कि मैं सेवानिवृत्त होने वाला व्यक्ति नहीं हूं.. मैं एक नई पारी शुरू करूंगा और मैं इस पारी के लिए (ईश्वर से) अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करता हूं। इसके बाद उन्होंने राज कपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर की कुछ पंक्तियां पढ़ीं, कल खेल में हम हो ना हों। गर्दिश में तारे रहेंगे सदा..। शाह का जन्म 16 मई, 1958 को हुआ था। उन्होंने लंबे समय तक वकालत की थी। इसके बाद वे गुजरात हाई कोर्ट के जज और फिर पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच थे।
Compiled: up18 News
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