आगरा: बड़ी शान ओ शोकत से निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदी

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आगरा: हज़रत सैय्यदना ओलिया बाबा पर हज़रत मोहम्मद स० आ० व० योमे वालादत (पैदाइस ) के मौके पर दरगाह के सज्जादानशीं मियां मौहम्मद हुसैन रशीदी की सरपरस्ती में जुलूस ए मोहम्मदी बड़ी शान ओ शोकत से निकाला गया । दोपहर 1बजे जूलूस ए मोहम्मदी हन्ना गली छीपीटोला से कलेक्ट्रेट, ढाकरान, लोहामंडी होते हुए कदम रसूल बोदला पर समाप्त हुआ ।

जूलूस का आगाज़ दरगाह हज़रत ओलिया बाबा पे चादर पेश करके किया गया उस के बाद हुज़ूर सरवरे कायनात इमामुल अम्बिया हज़रत मोहम्मद स० आ० व० की शान में नात शरीफ का नज़राना जनाब हाजी फरीद क़ादरी और जनाब मोहम्मद उबेर हूसैन ने सरकार में नात का नज़राना पेश करते हुए अपनी अक़ीदत का इज़हार किया |

सज्जादानशीं मियां मौहम्मद हुसैन रशीदी ने सरकारे दोनो आलम के सरबरे कोनेंन इमामुल अम्बिया आक़ा करीम हज़रत मोहम्मद स० आ० के इखलाक के बारे में बताया कि आज हर मज़हब का मानने वाला अगर आक़ा के इखलाक पर अमल कर ले और इसको अपना ले रब्बे काबा की कसम दुनिया से सारे झगड़े खत्म हो जाएंगे किस तरह से लोगों से बर्ताब करना है । आक़ा स० आ० व० किस तरह से लोगों से पेश आया करते थे इस बात पर ही अमल करले दुनिया और आखरत दोनो में कामयाबी है | लेकिन आज हम लोग अल्लाह के रसूल इखलाक को भूल गये हे एक दुसरे को अपने से नीचा दिखने लगें हे । अल्लाह के रसूल ने क़यामत तक के लिए तुम्हे बता दिया किस तरह तुम्हें अपनी ज़िंदगी गुज़ारनी हे । इस्लाम तलबार के ज़ोर पर नही बल्कि हुज़ूर के हुस्ने इख़लाक़ की वज़ह से फैला है। गैर मज़हब के लोग आप के इख़लाक़ की वज़ह से कलमा पड़ने पर मजबूर हुए ।

अल्लाह के रसूल ने फरमाया की हर मज़हब के हादी के साथ इज़्ज़त से पेश आओ । आपने फरमाया के अपनी छत की दीबार भी इतनी ऊँची न करो के पड़ोसी की हवा रुक जाए । अल्लाह के रसूल ने पड़ोसी के लिए हुकुम फरमाया न कि किसी मुसलमान के लिये पड़ोस में कोई भी हो सकता है । अल्लाह के रसूल का इख़लाक़ देखो आप काबा के सहन में बैठे है जब एक बच्चा अपनी माँ के लिए लिबास मागने आता हे और कहता के में आप का दींन कुबूल नही करूँगा मेरी माँ ने कहा है आप जादूगर है लोगो का दिन हर लेते है मेरी माँ का लिबास फटा है मुझे लिबास चहिये आप एक चादर ओड़ कर बैठे थे आप ने चादरे रहमत उतार कर देदी जब वो बच्चा घर पहुँचा तो माँ से कहाँ देख तेरे लिये लिबास ले आया माँ ने पुछा कहा से लाये हो मोहम्मद से लाया हू लेकिन मेने उसका दींन क़ूबूल नही किया माँ ने कहां बेटा अब तो उसका जादू चल गया और वो कलमा पड़ कर इस्लाम मे दाखिल हो गई आप के इख़लाक़ की वज़ह से इस्लाम फैला हे । आज हम लोग ये अहद करें अल्लाह के रसूल के इखलाको अपनाएंगे और दुश्मने इस्लाम को ये बताएंगे कि इस्लाम कितना ख़ूबसूरत मज़हब है ।आज सारी दुनिया इस्लाम के पीछे पड़ी है आज अपने अम्ल से ये बतादे के दर हक़ीक़त इस्लाम ये अल्लाह ताला ने अपने रसूल को एक कोम के लिये नही भेजा बल्कि पूरी दुनियां के लिए रहमत बना के भेजा है ।

जुलूस में मुख्य रूप से सज्जादानशीं मियां मौहम्मद हुसैन रशीदी, भुल्ले शाह, पीर ज़ादा मौहम्मद उबार हुसैन, पीर ज़ादा मौहम्मद हस्सान, सूफी इकबाल, पत्रकार शाहिद रजा, खादिम सुनील कुमार, पत्रकार फरहान खान मौहम्मद सुलतान, मौहम्मद इस्माईल, मौहम्मद इकराम शान ईलाही, फरीद कादरी मौहम्मद सुहेल, फ़ैज़ान उस्मानी, मोहम्मद उस्मान, मोहम्मद आरिफ, बॉबी, इदरीस उस्मानी, मोहम्मद यामीन, अशरफी, फैसल ब,नोशाद, सलीम, महेश आदी उपस्थित रहे ।

-up18news