इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विशिष्ट हस्तियों को सम्मानित किया।
सम्मान समारोह के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वे इस समारोह में आकर प्रसन्न हैं। उन्होंने आयोजन की तारीफ की और गुयाना और सूरीनाम के राष्ट्रपति की इस आयोजन में मौजूदगी को लेकर भी खुशी व्यक्त की। राष्ट्रपति ने कहा कि यह आयोजन काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रवासी भारतीय सम्मेलन की सराहना की।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में प्रवासी भारतीयों की तारीफ करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीयों ने अपनी कड़ी मेहनत से देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय एक यूनिक प्लेटफार्म है। आप लोगों से 3 दिन हुई चर्चा हमारे लिए अमूल्य है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि प्रवासी भारतीय अलग-अलग देशों में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। उनकी सफलता की बदौलत विदेशी धरती पर भारत की पहचान बन रही है। अगले 25 साल में नए सफर पर भारत है। आपको एकजुट होकर इस शक्ति का राष्ट्र निर्माण में योगदान देना होगा।
उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं। इसे अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। सरकार ने अगले 25 साल में विकास करने को लेकर रूपरेखा बनाई है, जिसमें भारत को मजबूत किया जाएगा। इसमें प्रवासी भारतीय भी अपना योगदान देकर देश को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
इन्हें मिला वर्ष 2022 का प्रवासी भारतीय सम्मान
1 प्रो. जगदीश चेन्नुपति, आस्ट्रेलिया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी/शिक्षा
2 प्रो. संजीव मेहता, भूटान, शिक्षा
3 प्रो. दिलीप लौंडो, ब्राजील, कला और संस्कृति / शिक्षा
4 डा. अलेक्जेंडर जान, ब्रुनेई दारुएस्सलाम, दवा
5 डा. वैकुंठम अय्यर लक्ष्मणन, कनाडा, सामुदायिक कल्याण
6 जोगिंदर सिंह निज्जर, क्रोएशिया, कला और संस्कृति / शिक्षा
7 प्रो. रामजी प्रसाद, डेनमार्क, सूचना प्रौद्योगिकी
8 डा.. कन्नन अम्बलम, इथियोपिया, सामुदायिक कल्याण
9 डा. अमल कुमार मुखोपाध्याय, जर्मनी, सामुदायिक कल्याण/चिकित्सा
10 डा. मोहम्मद इरफान अली, गुयाना, राजनीति/सामुदायिक कल्याण
11 रीना विनोद पुष्करना, इजराइल, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
12 डा. मकसूदा सरफी, जापान, शिक्षा
13 डा. राजगोपल, मैक्सिको, शिक्षा
14 अमित कैलाश चंद्र लाठ, पोलैंड, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
15 परमानंद सुखुमल दासवानी, कांगो गणराज्य, सामुदायिक कल्याण
16 पीयूष गुप्ता, सिंगापुर, व्यवसाय
17 मोहनलाल हीरा, दक्षिण अफ्रीका, सामुदायिक कल्याण
18 संजयकुमार शिवभाई पटेल, दक्षिण सूडान, सामुदायिक कल्याण
19 शिवकुमार नदेसन, श्रीलंका, सामुदायिक कल्याण
20 डा. दीवान चंद्रभोसे शरमन, सूरीनाम, सामुदायिक कल्याण
21 डा. अर्चना शर्मा, स्विजरलैंड, विज्ञान प्रौद्योगिकी
22 न्यायमूर्ति फ्रेंक आर्थर सीप्रसाद, त्रिनिदाद और टोबैगो, शिक्षा
23 सिद्धार्थ बालचंद्रन, यूएई, व्यवसाय/सामुदायिक कल्याण
24 चंद्रकांत बाबूभाई पटेल, यूके, मीडिया
25 डा. दर्शन सिंह धालीवाल, अमेरिका, व्यवसाय / सामुदायिक कल्याण
26 राजेश सुब्रमण्यम, अमेरीका, व्यवसाय
27 अशोक कुमार तिवारी, उज्बेकिस्तान, व्यवसाय
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नई दिल्ली से इंदौर एयरपोर्ट पर करीब 11.20 बजे पहुंची।
विदेश मंत्री डाक्टर एस जयशंकर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि इस समारोह में राष्ट्रपति की मौजूदगी से सब गौरवांवित हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सफल रहा। प्रवासी भारतीयों की वजह से देश की पहचान विश्व मंच तक पहुंचती है। राष्ट्रपति के साथ गुयाना और सूरीनाम के राष्ट्रपति भी समारोह में मौजूद हैं।
अपने संबोधन में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस मौके पर मां अहिल्या की नगरी में वे सबका तहेदिल से स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का कोई भी सपूत कहीं भी रहे वो भारत से जुदा नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि यहां सबको अतुल्य संगम का अहसास हुआ है। किसी व्यक्ति की पहचान उसकी माटी और शरीर से होती है। 21 साल बाद हो रहा आयोजन तारीख तक सीमित नहीं है। यह प्रवासी भारतीयों को सशक्त करने की कोशिश है। इसके माध्यम से भारत और भारतीयों को उभारने का प्रयास किया गया। उन्होंने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर का उल्लेख भी किया।
सिंधिया ने कहा कि आपकी साझेदारी भारत को आत्मनिर्भर बनाने में है। रोमानिया में मैंने देखा था विकट हालात में प्रवासी भारतीय मदद में जुटे थे। भारत के बिना विश्व आगे नहीं बढ़ सकता। आज भारत विश्व में 5 वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनी है। 2030 तक भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। आप सीखें, कमाएं और वापस लौटाएं।
सिंधिया ने कहा कि भारत को उभारने में प्रवासी भारतीय की अहम भूमिका है। देश की जनसख्या 135 करोड़ नहीं है, बल्कि उसके भी आगे है। अलग-अलग देशों में रहने वाले 3 करोड़ भारतीय दुनिया में देश को पहचान दिला रहे हैं। उनकी भागीदारी की वजह से भारत विकसित हुआ है, आत्मनिर्भर बना है। इन प्रवासी भारतीयों को पिरोने का काम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। वे बताते हैं कि युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में प्रधानमंत्री ने दिन-रात एक कर दिया था। लोगों को जिम्मेदारी देकर भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाला था। उन्होंने भारत माता की जय के साथ अपना संबोधन समाप्त किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में सबका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज समारोह के समापन पर वे भावुक हैं। इंदौर ने बेटी की शादी जैसी तैयारी की और जब बेटी की विदाई होती है तो मन में तकलीफ होती है। समारोह में तीन-तीन राष्ट्रपति की मौजूदगी से हम गौरवांवित हैं।
Compiled: up18 News
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