राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया 30 खिलाड़ियों को सम्मानित, 25 को अर्जुन अवॉर्ड, शरत कमल को खेल रत्न

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज खिलाड़ियों और कोच को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से सम्मानित किया। अर्जुन अवॉर्ड के लिए 25 खिलाड़ी चुने गए थे। सात कोच द्रोणाचार्य अवॉर्ड से और चार खिलाड़ी ध्यानचंद अवॉर्ड से सम्मानित किए गए। टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल अंचता को खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया था।

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राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में खिलाड़ियों और कोच को सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने स्टार शटलर लक्ष्य सेन और एचएस प्रणय को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया। यह दोनों इस साल थॉमस कप जीतकर इतिहास रचना वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे। वहीं, लक्ष्य ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीता था।

अर्जुन अवॉर्ड के लिए सम्मानित किए गए अधिकतर खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारत के लिए पदक लेकर आए थे। लक्ष्य के अलावा महिला मुक्केबाज निकहत जरीन और पहलवान अंशु मलिक भी शामिल हैं। भारत के ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद को भी अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया है। इस साल क्रिकेट के किसी खिलाड़ी अर्जुन अवॉर्ड के लिए नहीं चुना गया है।

अर्जुन पुरस्कार

भारत में सबसे पुराना राष्ट्रीय खेल पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार है। वर्ष 1961 में इसकी शुरुआत हुई थी। खेल में अपनी उत्कृष्टता के लिए खेल हस्तियों को समर्पित यह पुरस्कार खेल रत्न के बाद दूसरा सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार बेहतरीन प्रदर्शन, लीडरशिप क्वालिटी, खेल भावना और अनुशासन के लिए दिया जाता है।

शरत कमल को खेल रत्न पुरस्कार

मेजर ध्यानचंद खेल पुरस्कार हासिल करने वाले शरत कमल अचंता कई सालों से टेबल टेनिस में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। अचंता शरत कमल ने इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम किया था। शरत के नाम राष्ट्रमंडल खेलों में कुल सात स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदक हैं। एशियाई खेलों और एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने दो-दो कांस्य जीत हैं। शरत कमल खेल रत्न पाने वाले दूसरे टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। उनसे पहले मनिका बत्रा को यह पुरस्कार दिया जा चुका है।

लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए ध्यानचंद पुरस्कार से इस बार ये खिलाड़ी सम्मानित

यह पुरस्कार खेल-कूद में आजीवन उपलब्धि के लिए वर्ष 2002 में शुरू किया गया सर्वोच्च पुरस्कार है। यह पुरस्कार महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर है।

द्रोणाचार्य अवॉर्ड

वर्ष 1985 में शुरू हुआ द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रतिष्ठित प्रशिक्षकों को दिया जाता है, जिनके द्वारा तैयार किए गए खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में देश का मान बढ़ाते हैं और मेडल जीतकर लाते हैं। इस पुरस्कार से खिलाड़ियों के कोच को सम्मानित किया जाता है।

देश को कॉमनवेल्थ खेलों में बॉक्सिंग का पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले बॉक्सर मोहम्मद अली कमर को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।  2002 के मैनचेस्टर कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले अली कमर को टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों के लिए महिला बॉक्सिंग टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया था। लवलीना बोरगोहेन ने उन्हीं की देखरेख में मेडल जीता था।

Compiled: up18 News