नई दिल्ली। मथुरा-वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज अक्सर अपनी सादगी और भक्ति के कारण लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। पिछले 19 सालों से उनकी दोनों किडनियां खराब होने के बावजूद उनका हर दिन वृंदावन की परिक्रमा करना और राधा रानी की भक्ति में लीन रहना, उनके अनुयायियों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।
बता दें कि प्रेमानंद महाराज मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में आस्था का बड़ा केंद्र बने हुए हैं। उनकी भक्ति और तप के कारण लाखों लोग उन्हें श्रद्धा से देखते हैं और यही वजह है कि उनका भजन और प्रवचन भक्तों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि, अब प्रेमानंद महाराज को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने इसे लेकर एक बड़ा विवादित बयान दिया है।
‘प्रेमानंद जी एक अक्षर मेरे सामने संस्कृत बोलकर दिखा दें, या मेरे कहे हुए संस्कृत श्लोकों का अर्थ समझा दें’
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज के लिए कहा कि यह कोई चमत्कार नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रेमानंद जी उनके लिए एक बालक के समान हैं। रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज को चुनौती देते हुए कहा कि चमत्कार अगर है, तो मैं चैलेंज करता हूं प्रेमानंद जी एक अक्षर मेरे सामने संस्कृत बोलकर दिखा दें, या मेरे कहे हुए संस्कृत श्लोकों का अर्थ समझा दें।
हालांकि रामभद्राचार्य ने आगे कहा कि वे प्रेमानंद जी से कोई द्वेष नहीं रखते, लेकिन वह उन्हें न तो विद्वान मानते हैं और न ही चमत्कारी। उन्होंने कहा कि चमत्कार उसको कहते हैं जो शास्त्रीय चर्चा पर सहज हो और श्लोकों का अर्थ ठीक से बता पाए। उन्होंने प्रेमानंद जी की लोकप्रियता को ‘क्षणभंगुर’ बताते हुए कहा कि यह थोड़े समय के लिए होती है और उन्हें उनका भजन करना अच्छा लगता है, लेकिन इसे चमत्कार कहना उन्हें स्वीकार नहीं है।
प्रेमानंद महाराज के बयान से मचा था विवाद
बीते दिनों में प्रेमानंद महाराज के एक बयान से विवाद मच गया था। उन्होंने कहा था कि आजकल के बच्चे कैसी पोशाकें पहन रहे हैं। कैसा आचरण कर रहे हैं. एक लड़के से ब्रेकअप। फिर दूसरे से व्यवहार। फिर दूसरे से ब्रेकअप और फिर तीसरे से व्यवहार। व्यवहार व्यभिचार में परिवर्तित हो रहा है। कैसे शुद्ध होगा?
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