ब्राज़ील में आम चुनाव संपन्न होने के कुछ हफ़्तों बाद एक बार फिर राजनीतिक अनिश्चितताओं का दौर शुरू होता दिख रहा है. ब्राज़ील के मौजूदा राष्ट्रपति ज़ाएर बोलसोनारो ने हालिया चुनाव नतीजों को चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि लगभग तीन लाख वोटिंग मशीनों पर डाले गए मतों को अवैध ठहराया जाना चाहिए. हालांकि, उन्होंने चुनावी में धांधली के संबंध में किसी तरह के सबूत पेश नहीं किए हैं. इस चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी और ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा की जीत हुई है.
लूला डा सिल्वा को 50.9 फ़ीसदी वोट मिले हैं. लूला की ये जीत चौंकाने वाली थी क्योंकि आख़िरी वक़्त तक दोनों के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी. इस चुनाव में बोलसोनारो को 49.1 फ़ीसदी वोट मिले हैं.
चुनाव के नतीजे आने के बाद ब्राज़ील के अलग-अलग प्रांतों और प्रमुख सड़क मार्गों पर बोलसोनारो समर्थकों की ओर से चक्का जाम के साथ – साथ हिंसा और आगजनी होने की ख़बरें और तस्वीरें भी आई थीं.
बोलसोनारो ने नतीजे आने के बाद सार्वजनिक रूप से अपनी हार भी स्वीकार नहीं की थी. हालांकि, उनके चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ ने कहा था कि सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी.
इसके बाद ब्राज़ील की सुप्रीम कोर्ट ने बयान जारी करके कहा है कि सत्ता हस्तांतरण को अपनी मंजूरी देकर बोलसोनारो ने चुनाव के नतीजे स्वीकार कर लिए हैं.
लेकिन इसके लगभग तीन हफ़्तों बाद बोलसोनारो ने इन नतीजों को आधिकारिक रूप से चुनौती दी है. ब्राज़ील के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने इस पर कहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव नतीजों को चुनौती देकर लोकतंत्र का अपमान कर रही है.
Compiled: up18 News