पीएम नरेंद्र मोदी ने की डिफेंस एक्सपो 2022 की शुरुआत, कहा- आने वाले समय में गुजरात बनेगा डिफेंस उद्योग का भी बड़ा केंद्र

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ब्रह्मोस अचूक है

भारत और रूस के ज्वाइंट वेंचर से बनाए गए ब्रह्मोस मिसाइल का निशाना अचूक है। एकबार यह मिसाइल चल गया तो फिर यह दुश्मन को तहस-नहस करके ही छोड़ता है। डिफेंस एक्सपो में ब्रह्मोस के जरिए भारतीय कंपनियों ने और भारत ने अपनी ताकत दिखाई है।

इसके सामने कोई नहीं टिकता

डीआरडीओ ने हवा से हवा में मार करने वाले अस्त्र मिसाइल को बनाया है। इस मिसाइल को सुखोई और मिग -29 से फायर किया जा सकता है। इस मिसाइल से 100 किलोमीटर दूर तक के दुश्मन को ढेर किया जा सकता है।

इस बोट से दुश्मन खाते हैं खौफ

डिफेंस एक्सपो में ऑटोमैटिक नाव तारिणी को भी प्रदर्शनी में रखा गया है। समुद्र में ये हथियार काफी खतरनाक माना जाता है। इस बोट रक्षा और अनुसंधान संगठन (DRDO) ने बनाया है। DRDO ने 12वीं डिफेंस एक्सपो के दौरान इस बोट को साबरमती रिवर फ्रंट में उतारकर इसकी ताकत और क्षमता को देश के सामने रखा है। इस बोट के फ्रंट पर एक छोटी सी मशीनगन लगी हुई है।

इस मिसाइल के आगे पानी मांगते हैं दुश्मन

भारत की DRDO और इजरायल की कंपनी इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने मिलकर भारतीय नौसेना के लिए इस मिसाइल को बनाया है। लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने (LRSAM) वाली ये मिसाइल काफी घातक है। डिफेंस एक्सपो में प्रदर्शित इस मिसाइल अचूक माना जाता है।

इन टैंक का नहीं कोई मुकाबला

डिफेंस एक्सपो में कई ऐसे हथियार भी रखे गए हैं जो विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर भारत में बनाया गया है। इसमें एक टैंक बोफोर्स है। इस टैंक के जरिए भारतीय सेना ने कई बार दुश्मनों के दांत खट्टे किए हैं।

डिफेंस एक्सपो में भारतीय कंपनियों को ही मौका

इस बार के डिफेंस एक्सपो की खासियत ये है कि इसमें केवल भारतीय कंपनियों को ही इसमें शामिल होने की इजाजत दी गई है। ऐसे में दुनिया को भारतीय कंपनियों के तकनीक और हथियार देखने को मौका मिलेगा।

-एजेंसी