लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी का आह्वान: देश को भ्रष्टाचार, परिवारवाद और भाई-भतीजावाद से लड़ना ही होगा

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1- बहुत बड़े संकल्‍प लेकर चलना होगा
2- मन के भीतर बचे गुलामी के किसी भी अंश को समाप्‍त करना होगा
3- अपनी विरासत पर गर्व करना होगा
4- एकता और एकजुटता दिखानी होगी
5- नागरिकों को अपने कर्तव्‍यों का निर्वहन करना होगा

उन्होंने कहा, “आने वाले 25 साल के लिए हमें इन पंच प्राण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा. 2047 जब आज़ादी के 100 साल होंगे, आज़ादी के दीवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा.”

प्रधानमंत्री ने आज़ादी के बाद देश-निर्माण करने वाले नेताओं को किया याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत देश के हर नागरिक और भारत-प्रेमियों को आज़ादी के अमृत महोत्सव की बधाई देने से की.अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह एक पुण्य अवसर है.

उन्होंने कहा, “ग़ुलामी का पूरा कालखंड संघर्ष में बिता है. कोई जगह ऐसी नहीं थी जब देशवासियों ने ग़ुलामी के ख़िलाफ़ आहुति ना दी हो. आज का यह मौक़ा देश के लिए त्याग करने वाले हर त्यागी को स्मरण करने का दिन है. इसके साथ ही उनके सपनों को पूर्ण करने के लिए संकल्प लेने का दिन है.”

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहब आंबेडकर और वीर सावरकर का नाम लेते हुए कहा कि इन लोगों ने कर्तव्य पथ पर खुद को खपा दिया.

पीएम ने कहा कि ये देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, अशफ़ाक उल्लाह ख़ान, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे अनगिनत क्रांति वीरों का, जिन्होंने अंग्रेज़ो की हुकूमत की नींव हिला दी.

पीएम ने अपने संबोधन में देश की वीरांगनाओं रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, दुर्गा भाभी, रानी चेनम्मा, बेग़म हजरत महल जैसी वीरांगनाओं को याद करते हुए नारी-शक्ति का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि देश की वीरांगनाओं को याद करते हुए हम गर्व से भर जाते हैं.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में डॉ. राजेंद्र प्रसाद और नेहरू का भी ज़िक्र किया.

पीएम मोदी ने कहा, “आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाले और आज़ादी के बाद देश का निर्माण करने वाले डॉ. राजेंद्र प्रसाद हों, नेहरू हों, पटेल हों, श्यामा प्रसाद हो, लाल बहादुर शास्त्री जैसे अनगिनत महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है. ”

प्रधानमंत्री आज सर्वप्रथम अपने सरकारी आवास से महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि देने राजघाट पहुंचे.

लाल किले पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनकी अगुवाई की. इस दौरान तीनों सेनाओं के अध्यक्ष भी मौजूद रहे और उनकी अगवानी की.

इसके बाद प्रधानमंत्री ने सलामी ली और उन्होंने गार्ड ऑफ़ ऑनर का निरीक्षण किया.

-एजेंसी