इसके साथ ही PM ने पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना की। यहां से 20 किलोमीटर दूर चीन की सीमा शुरू हो जाती है। नरेंद्र मोदी देश के पहले PM हैं, जिन्होंने उत्तराखंड से लगी भारत-चीन सीमा पर आदि कैलाश पर्वत का दर्शन किया।
14000 फीट ऊपर बसे गुंजी गांव पहुंचे PM मोदी
कैलाश दर्शन के बाद PM मोदी उत्तराखंड में धारचूला से 70 किमी दूर और 14000 फीट ऊपर बसे गुंजी गांव पहुंचे। यहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। यह गांव अगले दो साल में बड़े धर्म नगर शिव धाम के रूप में विकसित हो जाएगा। कैलाश व्यू प्वाइंट, ओम पर्वत और आदि कैलाश के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का धारचूला के बाद यही सबसे बड़ा और अहम पड़ाव होगा। यहां बड़े यात्री निवास, होटल बनेंगे। भारतीय टेलीकॉम कंपनियों का नेटवर्क भी मिलेगा। गांव में होम स्टे बढ़ाए जाएंगे।
गुंजी व्यास घाटी की उस सुरक्षित जमीन पर है, जहां न भूस्खलन का खतरा है और न ही बाढ़ का। अभी यहां 20 से 25 परिवार ही रहते हैं, जो बमुश्किल अपना खर्च चला पाते हैं। पिथौरागढ़ DM रीना जोशी के मुताबिक गुंजी के दाएं तरफ से नाभीढांग, ओम पर्वत और कैलाश व्यू प्वाइंट का रास्ता जाता है तो बाएं तरफ से आदि कैलाश और जौलीकॉन्ग का, इसलिए ये गांव कैलाश तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मुफीद है।
जागेश्वर धाम पहुंचे पीएम, शिवलिंग को जल चढ़ाया
प्रधानमंत्री दोपहर करीब 1 बजे अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम पहुंचे। यहां उन्होंने शिवलिंग पर फूल और जल चढ़ाया फिर भगवान की आरती की। करीब 6200 फीट की ऊंचाई पर स्थित जागेश्वर धाम में 224 पत्थर के मंदिर हैं।
2:30 बजे पीएम पिथौरागढ़ में ग्रामीण विकास, सड़क, बिजली, सिंचाई, पेयजल, बागवानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों से जुड़ी करीब 4200 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और करेंगे।
उत्तराखंड CM ने कहा, PM की विजिट से टूरिज्म बढ़ेगा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने PM मोदी के दौरे के बारे में जानकारी दी। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि PM मोदी के आने से कुमाऊं मंडल में टूरिज्म जरूर बढ़ेगा।
भगवान शिव का घर माने जाने वाले कैलाश पर्वत के दर्शन अब भारत से ही हो सकेंगे। इसके लिए अब चीन के कब्जे वाले तिब्बत जाने की जरूरत नहीं होगी। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की 18 हजार फीट ऊंची लिपुलेख पहाड़ियों से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है। यहां से पर्वत की हवाई दूरी 50 किलोमीटर है।
पिथौरागढ़ में पहनी पीएम मोदी की ड्रेस है खास
पिथौरागढ़ में पीएम मोदी ने क्रीम कलर का ओवरकोट जैसा एक ड्रेस पहन रखा था। यह उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों का पारंपरिक ड्रेस है। चार धाम जाने वाले यात्रियों के लिए यह ड्रेस भोटिया जनजाति के लोग तैयार करते हैं। यही उनका मुख्य व्यवसाय है। पीएम नरेंद्र मोदी ने जब इस ड्रेस को पहना तो इसे बनाने वाली भोटिया जनजाति की चर्चा शुरू हो गई है। भोटिया जनजाति कौन है? कहां से अस्तित्व में आई? यह सवाल आपके में मन घुमड़ रहा होगा। दरअसल, भोटिया एक घुमंतू जनजाति मानी जाती रही है। उत्तराखंड के पहाड़ों में इनका मुख्य निवास है।
भोटिया जनजाति मंगोलॉयड विशेषताओं से संबंधित है। यह प्रदेश की प्रमुख जनजातियों में से एक है। प्रदेश के अल्मोड़ा, चमोली, पिथौड़ागढ़ और उत्तरकाशी जिले में इस जनजाति के लोग मुख्य रूप से निवास करते हैं। भोटिया शब्द की उत्पत्ति भोट से हुई है। भोट तिब्बती मूल के लोगों के लिए एक परंपरिक नाम है। यह समुदाय खानाबदोश जीवन गुजारने के लिए जाता है। इस समुदाय के सामाजिक मानदंडों में भी काफी ढील दी गई है। हालांकि, समुदाय की सबसे बड़ी विशेषता है, सामाजिक स्तर पर पुरुषों और महिलाओं को एक समान स्थान दिया जाना।
Compiled: up18 News