प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साल 2022 के अपने अंतिम ‘मन की बात’ को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.
उन्होंने अपने भाषण में क्रिसमस, अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन और कई वैज्ञानिक उपलब्धियों का जिक्र किया.
पीएम मोदी के भाषण की ख़ास बाते
“साल 2022, कई मायने में बहुत ही प्रेरक और अद्भुत रहा. इस वर्ष भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए और अमृतकाल का प्रारंभ हुआ. इस साल देश ने नई रफ्तर पकड़ी और सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किए.”
“साल 2022 एक और कारण से हमेशा याद किया जाएगा. ये है, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का विस्तार. देश के लोगों ने एकता और एकजुटता को सेलेब्रेट करने के लिए भी कई अद्भुत आयोजन किए.”
“साल 2022 में देशवासियों ने एक और अमर इतिहास लिखा है. अगस्त के महीने में चला ‘हर घर तिरंगा’ अभियान भला कौन भूल सकता है. वो पल थे हर देशवासी के रौंगटे खड़े हो जाते थे. आजादी के 75 वर्ष के इस अभियान में पूरा देश तिरंगामय हो गया.”
“आज, हम सभी के श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन है. वे एक महान राजनेता थे, जिन्होंने देश को असाधारण नेतृत्व दिया. हर भारतवासी के ह्रदय में उनके लिए एक खास स्थान है.”
“आज दुनिया भर में धूमधाम से क्रिसमस का त्योहार भी मनाया जा रहा है. ये जीसस क्राइस्ट के जीवन, उनकी शिक्षाओं को याद करने का दिन है. मैं आप सभी को क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं.”
“आप सभी ने मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर के बारे में जरूर सुना होगा. इस संस्थान ने रिसर्च, इनोवेशन और कैंसर केयर में बहुत नाम कमाया है. इस सेंटर द्वारा की गई एक इंटेसिव रिसर्च में सामने आया है कि ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए योग बहुत ज्यादा असरकारी है.”
“दिल्ली के एम्स में भी एक प्रयास किया जा रहा है. यहां हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को वैलिडेट करने लिए छह साल पहले सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसीन एंड रिसर्च की स्थापना की गई. इसमें लेटेस्ट मॉडर्न टेकनीक्स और रिसर्च मेथड्स का उपयोग किया जाता है.”
“आज ‘मन की बात’ के श्रोताओं को मैं एक और चुनौती के बारे में बताना चाहता हूं, जो अब समाप्त होने की कगार पर है. ये चुनौती, ये बीमारी है -‘कालाजार.’ सबके प्रयास से ‘कालाजार’ नाम की ये बीमारी अब तेजी से समाप्त होती जा रही है.”
“सदियों से कल-कल बहती मां गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. इसी उद्देश्य के साथ 8 साल पहले हमने ‘नमामि गंगे अभियान’ की शुरुआत की थी. हम सभी के लिए यह गौरव की बात है कि भारत की इस पहल को आज दुनियाभर की सराहना मिल रही है.”
Compiled: up18 News
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