इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान डिजिटल परिवर्तन पर तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों के भारत के अनुभव ने हमें दिखाया है कि अगर हम डिजिटल आर्किटेक्चर को समावेशी बनाते हैं, तो यह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन ला सकता है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि अगले वर्ष अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान भारत इस उद्देश्य की दिशा में जी-20 भागीदारों के साथ संयुक्त रूप से काम करेगा। “विकास के लिए डेटा” का सिद्धांत हमारे राष्ट्रपति पद के समग्र विषय “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” का एक अभिन्न अंग होगा।
G-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) का आज दूसरा दिन है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत में हम डिजिटल पहुंच को सार्वजनिक कर रहे हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभी भी एक बड़ा डिजिटल विभाजन है। दुनिया के अधिकांश विकासशील देशों के नागरिकों के पास किसी तरह की डिजिटल पहचान नहीं है। केवल 50 देशों में डिजिटल भुगतान प्रणाली है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल पहुंच के लाभ तभी महसूस होंगे जब डिजिटल पहुंच वास्तव में ये समावेशी हो और इसका उपयोग वास्तव में व्यापक हो… यह हम जी-20 नेताओं की जिम्मेदारी है कि डिजिटल परिवर्तन के लाभ मानव जाति के एक छोटे से हिस्से तक ही सीमित न रहें।
कठिन परिस्थितियों में भारत ने ली G20 समिट की जिम्मेदारी
पीएम मोदी (PM Modi) ने G20 समिट को संबोधित करते हुए आगे कहा कि G20 की जिम्मेदारी भारत ऐसे समय पर ले रहा है जब विश्व जियो पॉलिटिकल के तनाव, आर्थिक मंदी और पॉवर की बढ़ती कीमतों और दुनिया भर में आई महामारी के दुष्प्रभावों से संघर्ष कर रहा है। ऐसे समय में भारत विश्व G20 की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत गरीबी के खिलाफ जंग में टेक्नोलॉजी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
पांच देशों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाली (Bali) में आज पांच देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इनमें इटली (Italy), मेजबान इंडोनेशिया (Indonesia), जर्मनी (Germany), ब्रिटेन (Britain) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के राष्ट्राध्यक्षों के नाम शामिल हैं।
Compiled: up18 News
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