पोलैंड में गिरी रूसी मिसाइल को लेकर जी7 के नेताओं ने की चर्चा

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इस बातचीत की तस्वीर सामने आई है जिसमें अमेरिका, इटली, जर्मनी, फ़्रांस, ब्रिटेन,जापान, स्पेन और नीदरलैंड्स के नेता मौजूद हैं.

इनके अलावा इस बैठक में यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष चार्ल्स मिसेल और यूरोपीय संघ के कमिशनर भी शामिल रहे.

रूसी मिसाइल के पोलैंड में गिरने के भयंकर परिणाम हो सकते हैं. पोलैंड नेटो मिलिट्री अलायंस का सदस्य है और उसपर हमला नेटो पर हमला माना जा सकता है.

अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या इस हमले के बाद नेटो सेना पोलैंड में आएगी?

सूत्रों के मुताबिक पोलैंड की घटना के बाद जी 20 में सारे देशों की योजनाओं पर पानी फिरता दिख रहा है.
पश्चिमी देशों के नेता अपने रक्षा और विदेश मंत्रियों से बातचीत में व्यस्त हो गए हैं और पोलैंड को भी फ़ोन कर रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक पोलैंड के संपर्क में हैं.
जो बाइडन ने नेटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग से भी बातचीत की है.

पोलैंड के मुताबिक मंगलवार को दोपहर 3 बजकर 40 मिनट पर उनके क्षेत्र में एक ‘रूसी मिसाइल’ गिरी, जिसके कारण सेरेवोडो गांव में दो लोगों की मौत हो गई.

पोलैंड का कहना है कि उसके पास कोई “निर्णायक सबूत” नहीं है कि किसने मिसाइलों को लॉन्च किया.
पोलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लुकाज़ जसिना ने कहा कि पोलैंड में रूसी राजदूत को घटना पर “तत्काल विस्तृत स्पष्टीकरण” देने के लिए बुलाया गया.

हालांकि उन्होंने बयान में यह नहीं बताया कि मिसाइल किसने दागी. युद्ध में दोनों पक्षों ने रूसी युद्ध सामग्री का इस्तेमाल किया है.
सेरेवोडो गांवयूक्रेन और पोलैंड की सीमा पर स्थित है, और लिएव शहर के उत्तर में स्थित है.

रूस का हमले से इंकार

रूस ने इस हमले से इंकार किया है, रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यूक्रेनी-पोलिश राज्य सीमा के पास के ठिकानों पर कोई हमला रूस की ओर से नहीं किया गया.”

रूस ने कहा है कि यह रिपोर्ट्स ‘स्थिति को और बिगाड़ने के इरादे से उकसावे वाला क़दम है.’

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने पोलैंड के राष्ट्रपति डूडा से फ़ोन पर बात की है. ज़ेलेंस्की ने ट्वीट किया- “मैंने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज़ेज डूडा से फ़ोन पर बात की औररूस के आतंक से मारे गए दो पोलिश लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया.”

“हमने उपलब्ध सूचनाओं का आदान-प्रदान किया और सभी तथ्यों को स्पष्ट कर रहे हैं.”

नेटो क्या करेगा?

पोलैंड नेटो समूह का सदस्य देश है. नेटो एक रक्षात्मक सैन्य गठबंधन है जो यूक्रेन का इस युद्ध में समर्थन करता रहा है और इसमें ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं.

नेटो का सदस्य होने का मतलब है कि, सदस्य देश पर अगर सशस्त्र हमले होते हैं तो दूसरे सदस्य देश मदद करने के लिए आगे आएंगे और जिस देश पर हमले हुए हैं या हो रहे हैं वहां नेटो आर्मी भेजी जा सकती है. इसलिए यदि मिसाइलों के रूसी होने की पुष्टि की जाती है, तो इससे (सैद्धांतिक रूप में) संघर्ष को तेज़ करने का ख़तरा बढ़ा सकता .

हालांकि सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि संघर्ष बढ़ने की की संभावना कम है. अमेरिकी अधिकारी का दावा, पोलैंड में गिरने वाली मिसाइल यूक्रेन ने दागी
उधर, एसोसिएट प्रेस एजेंसी की एक रिपोर्ट में तीन अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है मंगलवार को पोलैंड में गिरने वाली रूसी मिसाइल को यूक्रेन की ओर से दागा गया था.

ये अधिकारी इस मामले पर सार्वजनिक रूप से बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं, उन्होंने अपनी पहचान छुपाने की शर्त पर एपी को ये बात बतायी.

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि इस बात की ‘संभावना’नहीं है कि पोलैंड में गिरने वाली मिसाइल रूस ने लॉन्च किया.

पोलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लुकाज़ जसिना ने कहा कि पोलैंड में रूसी राजदूत को घटना पर “तत्काल विस्तृत स्पष्टीकरण” देने के लिए बुलाया गया. सेरेवोडो गांव यूक्रेन और पोलैंड की सीमा पर स्थित है और लिएव शहर के उत्तर में स्थित है.

Compiled: up18 News