प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात में सी-295 ट्रांसपोर्ट विमानों की मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला रखी. टाटा-एयरबस सी-295 ट्रांसपोर्ट विमानों के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट की आधारशिला वडोदरा में रखी गई. यहां एयरबस और टाटा मिल कर इन विमानों का निर्माण करेंगे.
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, ”यहां बनने वाले परिवहन विमान हमारी सेना को तो ताकत देंगे ही, इससे हमारे विमान निर्माण के लिए एक नए पारिस्थितिक तंत्र का भी विकास होगा. शिक्षा और संस्कृति के रूप में प्रतिष्ठित वडोदरा अब विमानन क्षेत्र हब के रूप में नई पहचान बनाएगा.”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान कहा, ”आज देश में पहली बार निजी क्षेत्र की ओर से किसी विमान निर्माण सुविधा की आधारशिला रखी जा रही है. यह निश्चित रूप से रक्षा क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देश के लिए गर्व की बात है.”
एयरबस के चीफ कमर्शियल ऑफिसर क्रिश्चियन शेरर ने कहा, ”हम विनम्रता और ज़िम्मेदारी की एक महान भावना के साथ, एयरबस में भारत सरकार के विश्वास और विश्वास को स्वीकार करते हैं. टाटा और एयरबस मिलकर एक ऐसा विमान बनाएंगे, जो इंडियन एयरफोर्स को मज़बूत करेगा और प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के नज़रिये को आगे बढ़ाएगा.”
क्या है एयरबस के सी-295 विमान की खासियत?
गुजरात में सी-295 विमान निर्माण परियोजना पर 22 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. एयरबस की सी-295 विमान न्यू जेनेरेशन एयरलिफ्टर है.
लाइट और मीडियम सेगमेंट के इस विमान एक साथ कई काम लिए जा सकते हैं. इसे सेना के लिए काफी मुफीद माना जाता है क्योंकि यह सौ से ज्यादा सैनिकों और पैराट्रूपर और सैनिक साजो-सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है.
यह उन इलाकों में भी जा सकता है जहां भारी विमान नहीं जा सकते. आपदा नियंत्रण और किसी संकट में फंसे लोगों को निकालने में भी इसका खूब इस्तेमाल होता है.
परियोजना को लेकर क्या था विवाद?
ये परियोजना पहले महाराष्ट्र में लागू की जानी थी लेकिन बाद में इसे गुजरात ले जाने का फैसला किया गया है. मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया था.
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार की कमजोरियों की वजह से परियोजनाएं गुजरात नहीं जा रही हैं. महाराष्ट्र में कई बड़ी परियोनजाओं में निवेश आने वाला है.
उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर उन्होंने इस बारे में नरेंद्र मोदी और अमित शाह से चर्चा की है.
इससे पहले वेदांता-फॉक्सकॉन परियोजना के भी महाराष्ट्र से गुजरात जाने के मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था. महाराष्ट्र में विपक्ष ये लगातार आरोप लगा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार की नाकामी की वजह से परियोजनाएं गुजरात जा रही हैं.
Compiled: up18 News